Mahakumbh 2025: हर 12 साल में क्यों लगता है महाकुंभ? जानिए कौन, कैसे और कब तय करता है तारीख
Date: Jan 06, 2025
By: Nitika Srivastava, Bharatraftar
महाकुंभ 2025
धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो महाकुंभ का ये मेला दुनियाभर के सबसे बड़े मेलों में से एक है. जिसका आयोजन हर 12 साल में एक बार किया जाता है.
आस्था का प्रतीक
महाकुंभ में देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान स्नान करने से जन्म और मृत्यु से छुटकारा मिल जाता है.
पौराणिक मान्यताएं
समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत प्राप्त किया था. खींच तान में अमृत के कलश से कुछ बूंदे प्रयागराज समेत, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरी थीं. जिसके बाद इन जगहों पर महाकुंभ आयोजित होता है.
प्रयागराज सबसे पवित्र क्यों?
प्रयागराज को तीर्थ का राजा कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि, यहां पर सबसे पहला यज्ञ ब्रह्मा जी ने किया था. जिस वजह से प्रयागराज को सबसे पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है.
12 साल बाद महाकुंभ क्यों?
अमृत को लेकर देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था. ऐसी मान्यता है कि देवताओं के 12 दिन इंसानों के लिए 12 साल के बराबर होते हैं. जिस वजह से 12 साल में एक बार महाकुंभ होता है.
प्रयागराज में कब होता है महाकुंभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ग्रह जब वृषभ राशि में हो. और सूर्य देव मकर राशि में आएं तो महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जाता है.
हरिद्वार में कब होता है महाकुंभ?
जब गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में हों और इस दौरान सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं. तब कुंभ हरिद्वार में आयोजित किया जाता है.
नासिक में कब होता है महाकुंभ?
जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में विराजमान होते हैं. तो महाकुंभ का आयोजन नासिक में किया जाते है.
उज्जैन में कब होता है महाकुंभ?
जब सूर्य और बृहस्पति ग्रह सिंह राशि में विराजमान होते हैं. महाकुंभ का आयोजन उज्जैन में किया जाता है.
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