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राजस्थान: विजय बैसला की भाजपा से नाराज़गी! सचिन पायलट के साथ समर्थन ने गुर्जर राजनीति में मचाई हलचल

Sachin Pilot BJP Support : सचिन पायलट, जो राजस्थान में गुर्जर समुदाय का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं, ने हमेशा समुदाय के मुद्दों को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है. उनके नेतृत्व को लेकर समुदाय में व्यापक समर्थन है. पायलट ने कार्यक्रम में कहा कि गुर्जर समुदाय को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व और लंबित मुद्दों के समाधान की आवश्यकता है.

राजस्थान: विजय बैसला की भाजपा से नाराज़गी! सचिन पायलट के साथ समर्थन ने गुर्जर राजनीति में मचाई हलचल

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों भाजपा नेता और गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रमुख रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे विजय बैसला की नाराज़गी सुर्खियों में है. उन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी भाजपा पर गुर्जर समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया है. साथ ही, कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ मंच साझा करते हुए उनकी ओर झुकाव के संकेत भी दिए हैं.

विजय बैंसला का आरोप

विजय बैसला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गुर्जर समुदाय से किए वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए एक भी केस वापस नहीं लिए गए हैं.हमें सरकार में केवल एक राज्य मंत्री मिला है, इसके लिए धन्यवाद, लेकिन समुदाय को और बेहतर प्रतिनिधित्व की ज़रूरत है. लोग कह रहे हैं कि हमें सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला और यह सब 'गेम' जैसा लग रहा है.

गुर्जर समुदाय के कार्यक्रम में सचिन पायलट के साथ मंच साझा करते हुए विजय बैसला ने कहा कि हम भी उनके साथ हैं. इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है और यह चर्चा शुरू कर दी है कि क्या विजय बैसला अपनी राजनीतिक दिशा बदलने की सोच रहे हैं.

पायलट ने कहा...

सचिन पायलट, जो राजस्थान में गुर्जर समुदाय का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं, ने हमेशा समुदाय के मुद्दों को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है. उनके नेतृत्व को लेकर समुदाय में व्यापक समर्थन है. पायलट ने कार्यक्रम में कहा कि गुर्जर समुदाय को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व और लंबित मुद्दों के समाधान की आवश्यकता है.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला द्वारा शुरू किए गए गुर्जर आरक्षण आंदोलन का उद्देश्य समुदाय को बेहतर अवसर और प्रतिनिधित्व दिलाना था. लेकिन विजय बैसला की टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में गुर्जर समुदाय की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि टिकट वितरण और आंदोलन के मामलों पर पार्टी ने उनसे कोई चर्चा नहीं की.

बैंसला पायलट की नाराजगी 

विजय बैसला की नाराज़गी और सचिन पायलट के प्रति समर्थन ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज कर दी हैं. कुछ लोग इसे समुदाय की वास्तविक चिंताओं का प्रतिबिंब मानते हैं, जबकि अन्य इसे चुनाव से पहले भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले, गुर्जर समुदाय की मांगें राजनीतिक दलों के लिए अहम हो गई हैं. समुदाय का बड़ा वोट बैंक होने के कारण विजय बैसला और सचिन पायलट की यह साझेदारी राज्य की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है.