Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

वसुंधरा राजे की राजनीति में जबरदस्त वापसी की तैयारी, राजस्थान भाजपा में फिर बढ़ा प्रभाव

Vasundhra Raje Latest News: राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे की वापसी के संकेत। जन्मदिन समारोह से लेकर हाईकमान से बढ़ती नजदीकियां तक, जानिए पूरी कहानी।

वसुंधरा राजे की राजनीति में जबरदस्त वापसी की तैयारी, राजस्थान भाजपा में फिर बढ़ा प्रभाव
वापसी की तैयारी में राजे

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे एक बार फिर राजनीतिक फिजाओं में मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। बीते कुछ समय से पार्टी में अंदरूनी खींचतान के बावजूद वसुंधरा राजे लगातार अपने समर्थकों के बीच सक्रिय रहीं और अब 2025 में वे फिर से राजस्थान में एक बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रही हैं।

जन्मदिन समारोह ने दिया बड़ा राजनीतिक संदेश
हाल ही में वसुंधरा राजे ने अपना 71वां जन्मदिन जयपुर में बड़ी धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर न केवल हजारों की संख्या में आम समर्थक पहुंचे, बल्कि कई वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भी उनकी ताकत का प्रदर्शन करते दिखे। इसे वसुंधरा की 'पावर शो' के तौर पर देखा गया, जहां उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि वे अभी भी प्रदेश राजनीति में प्रासंगिक और मजबूत हैं।

बीजेपी हाईकमान से बढ़ी नजदीकियां
2018 में मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद ऐसा लग रहा था कि वसुंधरा का ग्राफ धीरे-धीरे पार्टी में नीचे जा रहा है। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों में जब भाजपा को राजस्थान में बड़ी जीत मिली और वसुंधरा समर्थकों ने भी योगदान दिया, तब से उनके और पार्टी हाईकमान के बीच रिश्ते बेहतर हुए हैं। अब पार्टी सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा को संगठन में या सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

राजस्थान में वसुंधरा फैक्टर फिर से मजबूत
राजस्थान में भाजपा दो गुटों में बंटी मानी जाती है, एक वसुंधरा राजे के समर्थकों का और दूसरा केंद्रीय नेतृत्व समर्थित नेताओं का। लेकिन पार्टी जानती है कि वसुंधरा का अपना एक स्वतंत्र वोट बैंक है, खासकर पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान में। उनकी लोकप्रियता जाट, राजपूत और व्यापारी समुदायों में आज भी काफी मजबूत है।

धार्मिक यात्राओं और सामाजिक कार्यक्रमों से बढ़ाया जनसंपर्क
पिछले दो वर्षों में वसुंधरा ने राजनीति से ज्यादा फोकस धार्मिक यात्राओं, सामाजिक कार्यक्रमों, और जनसंवाद सभाओं पर किया। वे चार धाम यात्रा, कृष्ण जन्मभूमि यात्रा, और कई मंदिरों के कार्यक्रमों में गईं। इससे उन्होंने प्रदेश के आम लोगों से सीधा जुड़ाव बनाए रखा, जो अब उनकी राजनीतिक पूंजी बन रही है।

आगे क्या?
हालांकि भाजपा ने फिलहाल राजस्थान में नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है, लेकिन यह साफ है कि वसुंधरा राजे अभी राजनीति से दूर नहीं होने वालीं। पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह उनकी मौजूदगी को नज़रअंदाज करना किसी के लिए आसान नहीं है। आने वाले समय में उन्हें संगठनात्मक पद या केंद्रीय राजनीति में कोई भूमिका मिल सकती है।

हकीकत की झलक:
वसुंधरा राजे ने कभी पार्टी छोड़ी नहीं।

उन्होंने खुद को जनता और जमीनी राजनीति से जोड़े रखा है।

भाजपा के बड़े नेताओं के साथ अब उनके रिश्ते सामान्य हो रहे हैं।

राजस्थान में उनकी पकड़ आज भी बड़ी संख्या में कायम है।