ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका की पहली बड़ी मुसीबत, समुद्र में लग गया ट्रैफिक जाम, बंदरगाहों पर मचा हड़कंप
Trump tariff effect: ट्रंप के टैरिफ लागू होने से पहले अमेरिका में बंदरगाहों पर भारी भीड़, समुद्र में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति। जानें कैसे सप्लाई चेन पर मंडराने लगा संकट।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लागू करने की घोषणा करके दुनिया के करीब 60 देशों के साथ व्यापार युद्ध छेड़ दिया है। लेकिन इस फैसले की पहली बड़ी कीमत खुद अमेरिका को चुकानी पड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि देश के बड़े-बड़े बंदरगाहों पर भीड़ का ऐसा आलम है, जैसे कोई तूफान आने वाला हो।
टैरिफ लागू होने से पहले जो कंपनियां अमेरिका माल भेजना चाहती थीं, उन्होंने तेजी से शिपमेंट रवाना कर दिए हैं ताकि 9 और 10 अप्रैल से लागू हो रहे शुल्क से बचा जा सके। यही वजह है कि अमेरिका की समुद्री सीमा पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है।
सिएटल पोर्ट, जो अमेरिका का चौथा सबसे व्यस्त बंदरगाह है, वहां ट्रैफिक 30% तक बढ़ चुका है। पोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, इस भीड़ से कंटेनर्स को डीलिवर करने में देरी हो रही है और इससे देश के अंदर प्रोडक्ट्स की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
पश्चिमोत्तर पोर्ट संगठन के सीईओ जॉन वुल्फ ने चेताया कि हालात जल्दी नहीं सुधरेंगे। "कोविड के समय भी सप्लाई चेन पर गहरा असर पड़ा था। अब टैरिफ ने उसी तरह की अनिश्चितता पैदा कर दी है।"
ऑकलैंड पोर्ट, जो अमेरिका का 9वां सबसे व्यस्त पोर्ट है, वहां 74% शिप एशियाई देशों से आते हैं। यहां इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और चिप से जुड़े सामान सबसे ज्यादा आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने की तुलना में इस पोर्ट पर ट्रैफिक 20% बढ़ चुका है।
जहाजों की बढ़ती संख्या के कारण शिपिंग कंपनियों और प्रशासन की नींद उड़ गई है। डॉक वर्कर्स लगातार शिफ्ट में काम कर रहे हैं, लेकिन भारी लोड के आगे व्यवस्था चरमराती दिख रही है।
ट्रंप भले ही अपने फैसले को अमेरिका की जीत मानें, लेकिन हकीकत ये है कि इसकी शुरुआत में ही देश को भारी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। सप्लाई चेन का दबाव और बंदरगाहों पर बढ़ती भीड़ इस बात का संकेत है कि आने वाले दिन आसान नहीं होने वाले।