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राजस्थान में संविधान क्लब के दोबारा उद्घाटन पर सियासी संग्राम​, कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने​

Tikaram Julie Latest News: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर में संविधान क्लब के पुनः उद्घाटन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे विधायकों और लोकतंत्र का अपमान कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस शासन में किए गए कार्यों का पुनः लोकार्पण कर झूठा श्रेय ले रही है. इस विवाद के चलते कांग्रेस ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया, जिससे राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ गया है.

राजस्थान में संविधान क्लब के दोबारा उद्घाटन पर सियासी संग्राम​, कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने​

Constitution Club: राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में 8 मार्च को एक ऐसा आयोजन हुआ, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी. संविधान क्लब का पुनः उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे. लेकिन इस चमक-धमक के बीच, एक गहरी असहमति की छाया भी मंडरा रही थी.​

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस पुनः उद्घाटन को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा कि यह विधायकों और लोकतंत्र दोनों का अपमान है. उनका मानना था कि भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर कुछ नया नहीं किया, बल्कि कांग्रेस शासन में किए गए कार्यों का पुनः लोकार्पण और उद्घाटन करके झूठा श्रेय लेने की कोशिश की है.​

टीकाराम जूली की प्रतिक्रिया
टीकाराम जूली की यह प्रतिक्रिया केवल एक राजनीतिक बयान नहीं थी, बल्कि इसमें एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव भी था. उन्होंने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की उच्चस्तरीय सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधानसभा के नजदीक ही विधायक आवास और संविधान क्लब का निर्माण करवाया था. उस समय के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में इसका उद्घाटन हुआ था.​

जूली के लिए यह केवल एक इमारत का मुद्दा नहीं था; यह उन मूल्यों और प्रयासों का सम्मान था, जो विधायकों की सुविधा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए किए गए थे. उनकी आवाज में एक निराशा थी, जो इस पुनः उद्घाटन को विधायकों के प्रयासों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति असंवेदनशीलता के रूप में देखती है.​

कांग्रेस विधायक दल ने इस असंतोष को व्यक्त करते हुए सरकार और विधानसभा सचिवालय के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और समारोह का बहिष्कार किया. इस बहिष्कार में एक सामूहिक भावना थी, जो अपने कार्यों और प्रयासों के प्रति सम्मान की मांग करती है. जूली ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के किसी भी सदस्य ने कार्यक्रम में भाग नहीं लिया. भाजपा सरकार ने अपनी परंपरा और आदत के अनुसार झूठा श्रेय लेने के लिए संविधान क्लब के उद्घाटन के नाम पर दोबारा उद्घाटन किए जाने का कार्यक्रम रखा, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र का अपमान है.

इस पूरे प्रकरण में एक गहरी मानवीय भावना झलकती है. यह केवल राजनीतिक दलों के बीच की खींचतान नहीं है, बल्कि उन लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है, जिन्होंने अपने राज्य और लोकतंत्र के लिए समर्पित होकर कार्य किया है. उनके प्रयासों का सम्मान और पहचान उनकी भावनाओं का सम्मान है.​