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“दिल्ली के आकाओं को खुश करने के लिए...” कांग्रेस में पायलट की जगह...रावत का कटाक्ष वायरल

Suresh Rawat statement: राजस्थान में राइजिंग राजस्थान निवेश कार्यक्रम को लेकर सचिन पायलट और सुरेश रावत के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। पायलट ने साख पर सवाल उठाया, तो रावत बोले – “जनता को गुमराह ना करें।” जानिए पूरी कहानी।

“दिल्ली के आकाओं को खुश करने के लिए...” कांग्रेस में पायलट की जगह...रावत का कटाक्ष वायरल
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राजस्थान की राजनीति एक बार फिर शब्दों की तलवारों से गरमा गई है। एक ओर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सरकार के राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम की साख पर सवाल खड़े किए, तो दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने पलटवार करते हुए पायलट को ‘जनता को गुमराह’ करने वाला करार दिया।

दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में निवेशकों से संपर्क न होने की बात कही थी, जिस पर पायलट ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सिर्फ दिल्ली के आकाओं को खुश करने के लिए 35 लाख करोड़ निवेश के दावे कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "जब मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि उद्योगपति फोन नहीं उठाते, तो सोचिए राज्य की साख कैसी होगी?"

इस बयान पर सुरेश रावत चुप नहीं रहे। उन्होंने पायलट पर तीखा हमला करते हुए कहा, “भजनलाल शर्मा की अगुवाई में राइजिंग राजस्थान में करीब 11 हजार एमओयू साइन हुए हैं, और सरकार उन्हें जमीन पर उतारने के लिए जी-जान से जुटी है।” उन्होंने यह भी कहा कि ये आरोप उस पार्टी से आ रहे हैं, जिसके पिछले कार्यकाल में 1-2% निवेश भी धरातल पर नहीं उतर सका।

रावत ने कांग्रेस की गुटबाजी का भी हवाला देते हुए तंज कसा, “पायलट की स्थिति पार्टी में क्या है, यह अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा से बेहतर कोई नहीं बता सकता। कांग्रेस की आंतरिक राजनीति किसी से छिपी नहीं है।”

2018 के कांग्रेस घोषणापत्र की याद दिलाते हुए रावत बोले कि उस वक़्त भी किसानों, युवाओं और बेरोज़गारों से वादे किए गए थे, जो कभी पूरे नहीं हुए। ऐसे में अब कांग्रेस नेताओं को सवाल उठाने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए।

राजनीति में बयानबाज़ी आम है, लेकिन जब यह बयान जनविश्वास से टकराते हैं, तो असर गहरा होता है। पायलट और रावत के बीच यह तीखा संवाद सिर्फ दो नेताओं की टकराहट नहीं, बल्कि राजस्थान के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने वाली बहस बन चुका है।