Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

“राजनीति में मन की बात जुबां पर नहीं!” करौली में गरजे पायलट

Sachin Pilot speech: करौली में किसान सम्मेलन के दौरान सचिन पायलट ने अपने पिता की मूर्ति का अनावरण करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा। किसानों और युवाओं के हित की बात करते हुए बोले – “जनता सब देख रही है।”

“राजनीति में मन की बात जुबां पर नहीं!” करौली में गरजे पायलट
sachin-pilot-karoli-kisan-speech-politics

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर अपने सधे हुए लेकिन असरदार शब्दों से न सिर्फ कार्यकर्ताओं को संदेश दिया बल्कि सरकार की नीतियों पर भी तीखे सवाल खड़े किए। करौली के गढ़मोरा में उन्होंने अपने पिता राजेश पायलट और स्वतंत्रता सेनानी धनसिंह कोतवाल की मूर्तियों का अनावरण किया। इसके बाद आयोजित किसान सम्मेलन में उन्होंने किसानों, युवाओं और आम जनता की समस्याओं को केंद्र में रखकर एक भावुक लेकिन मुखर भाषण दिया।

पायलट ने राजनीति और फौज के फर्क को दिलचस्प अंदाज़ में समझाया। उन्होंने कहा, “फौज में जो मन में होता है, वो जुबां पर होता है। पर राजनीति में उल्टा है—यहां पेट में क्या है, मन में क्या है, वो ज़ाहिर नहीं करना चाहिए।” उनका यह बयान कार्यकर्ताओं को नसीहत देने के साथ-साथ वर्तमान राजनीतिक माहौल पर भी टिप्पणी माना गया।

कार्यक्रम में हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में पायलट ने सीधे तौर पर सत्ता में बैठे लोगों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जनता अब हर चाल समझ रही है—कि राजनीति जोड़ने की हो रही है या तोड़ने की। क्या नेता जनहित की दिशा में चल रहे हैं, या सिर्फ अपनी कुर्सी के लिए खेल खेल रहे हैं?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई किसानों और युवाओं के लिए जारी रहेगी। केंद्र और राज्य सरकार दोनों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कर्जमाफी, एमएसपी की गारंटी और रोजगार के अवसरों को कांग्रेस की प्राथमिकताओं में बताया।

पायलट ने वक्फ बिल की टाइमिंग और मणिपुर में रात 2 बजे राष्ट्रपति शासन लगाने जैसे फैसलों पर भी सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले से भारतीय निर्यात पर पड़े असर का ज़िक्र कर यह भी दिखाया कि वे सिर्फ घरेलू नहीं, वैश्विक मुद्दों पर भी नज़र रखते हैं।

सचिन पायलट का यह भाषण एक राजनेता से ज्यादा एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की तरह सामने आया—जो जनता की भावनाओं को समझता है, और बिना लाग लपेट के बात करता है।