Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

"अब स्टेयरिंग मेरे हाथ में हैं" बिहार दौरे के दौरान पायलट का बड़ा बयान ! क्या है मायनें, जानें

बिहार दौरे पर सचिन पायलट ने ऐसा बयान दिया है जो अब सुर्खियों में आ गया है। जहां जानें कांग्रेस में बढ़ती उनकी भूमिका और सियासी भविष्य के बारे में। 

"अब स्टेयरिंग मेरे हाथ में हैं" बिहार दौरे के दौरान पायलट का बड़ा बयान ! क्या है मायनें, जानें

जयपुर। सचिन पायलट इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं। जहां उनका अलग अवतार नजर आया। पहले तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने नीतीश कुमार को जमकर लताड़ लगाई। इसके बाद वह बिंदाज अंदाज में आएं। होटल पहुंचने  के बाद पायलट ने कार की कमान अपने हाथों में ले ली और ड्राइवर से कहा- अब स्टेयरिंग मेरे हाथों में टेंशन मत लो। खास बात रही उनके बगल में बैठने वाले शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रदेशाध्यक्ष राजेश राम थे। भले पायलट का ये अंदाज मजाकिया हो लेकिन जिस तरह से कांग्रेस में उनका कद बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर सियासी जानकार तमाम तरह के कयास लगा रहे हैं। 

राजस्थान से दिल्ली तक कांग्रेस की जरूरत पायलट 

दिल्ली से लेकर झारखंड के चुनाव में सचिन पायलट सक्रिय नजर आए थे। उन्होंने एक के बाद एक दौरे कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया था। यहां तक वह अब बिहार पहुंच चुके हैं। जिसके बाद एक सवाल हर किसी के मन में है, क्या कांग्रेस पायलट को बड़ा मौका देगी। समीकरणों और हालातों को देखकर लगता है, आलाकमान इस पर फैसला ले सकते हैं। जब बात कांग्रेस के फेमस नेताओं की होती है तो सचिन पायलट का नाम जरूर लिया जाता है। युवाओं के बीच उनका क्रेज है। राज्य कोई भी हो पायलट की सभा में लोगों का तांता लगा रहता है। ऐसे में आगामी चुनावों के लिए पार्टी के पास पायलट का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है। 

गहलोत ने भी की थी पायलट से मुलाकात 

सियासी गलियारों में ये चर्चाएं और भी तेज हो गई हैं क्योंकि जिन अशोक गहलोत का सचिन पायलट से छत्तीस का आंकड़ा चलता था। वह खुद जाकर पायलट से मुलाकात कर रहे हैं। बीते दिनों अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन का आयोजन किया गया था। जहां, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पायलट से मुलाकात की। राष्ट्रीय स्तर से हटकर अगर बात राजस्थान की करें तो अब पायलट से समर्थकों को उम्मीद है 2028 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सीएम फेस पायलट को बनाएगी। जिसे लेकर अक्सर कोई न कोई दावेदारी की जाती रहती है। वहीं, पायलट पहले के मुकाबले राजस्थान में ज्यादा सक्रिय हैं। बहरहाल, ये मात्र सियासी कयास है, पर आने वाले सालों में पायलट का कद बढ़ता है या नहीं दे देखना बहुत दिलचस्प होगा।