Rajasthan: माफी मांगने से ज्ञानदेव आहूजा का इन्कार, लटकी निष्कासन की तलवार !
लवर मंदिर शुद्धिकरण विवाद: बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने दलित नेता टीकाराम जूली के मंदिर दौरे के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण किया। जिसके बाद कयास हैं बीजेपी आहूजा को पार्टी से निष्कासित कर सकती है।

जयपुर। मंदिर शुद्धिकरण का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को जोरों-शोरों से उछाल रही है तो दूसरी ओर प्रदेश बीजेपी में हलचल तेज है। रामनवमी के मौके पर टीकाराम जूली के मंदिर जाने पर बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने एतराज जताया था। यहां तक उन्होंने मंदिर पहुंचकर गंगाजल से मंदिर साफ किया था। जब बात बढ़ी तो बीजेपी ने आहूज को निलंबित कर दिया और कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसका जवाब देते हुए बीजेपी नेता ने कहा वह माफी नहीं मांगेंगे और अपनी बात पर अडिग है। जिसके बाद अब कलह और ज्यादा बढ़ सकती है। यहां तक कहा जा रहा है, उनपर निष्कास्ति होने की गाज भी गिर सकती है।
मैं माफी नहीं मांगूंगा- आहूजा
बीते दिनों मीडिया से बातचीत करते हुए ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था, कुछ भी हो जाए वह कांग्रेस से ना तो अभी और न ही भविष्य में कभी माफी मांगेंगे। पार्टी की तरफ से जो कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसका जवाब में प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को भेजा चुका हैं। कहा- मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिस कारण उन्हें माफी मांगने पड़े। कांग्रेस गुमराह करने का काम कर रही है। मैंने अपने बयान में दलित समाज का नाम तक नहीं लिया। बीजेपी हमेशा दलितों के हित में खड़ी रही है। ये लोग आज दलितों के हितैषी बन रहे हैं, मैं पूछना चाहता हूं ये 70 सालों से क्या कर रहे थे। जब दलितों पर अत्याचार किया जा रहा था। आहूजा यही नहीं रुके, उन्होंने कहा मैं तीन पर विधायक दलित समाज के बदौलत बना हू। जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं हमेशा से दलित वर्ग से साथ था और रहूंगा।
मदन राठौर जल्द लेंगे फैसला
खैर, ज्ञानदेव आहूजा ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है लेकिन उनके माफी न मांगने वाले बयान से लगता नहीं है पार्टी संतुष्ट होने वाली है। यदि आहूजा अपना रवैया नहीं बदलते हैं तो उनपर पार्टी बड़ा एक्शन ले सकते हैं। खैर, ये फैसला अब मदन राठौर पर है। वह आगे क्या कुछ करते हैं।