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SI Paper Leak: पेपर लीक माफिया के आगे बेबस सरकार? विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने Exclusive बातचीत में दिये जवाब !

राजस्थान में एसआई पेपर लीक मामला दिन पर दिन गरमाता जा रहा है। सारे सबूतों के बीच सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इसी बीच भारत रफ्तार ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से स्पेशल बातचीत की। पेश से उनकी बातों के कुछ अंश। 

SI Paper Leak: पेपर लीक माफिया के आगे बेबस सरकार? विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने Exclusive बातचीत में दिये जवाब !

राजस्थान में एसआई पेपर लीक मामले में सरकार की लेटलतीफी अब युवाओं को पसंद नहीं आ रही है। यू कहें सीएम भजनलाल शर्मा विद्यार्थियों के निशाने पर हैं। सारे सबूतों, एसओजी की सिफारिश के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। युवाओं को उम्मीद है कि जल्द इसपर फैसला लिया जाएगा। इस मसले पर राजनीतिक बयानबाजी खूब हो रही है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल समेत कई विपक्षी नेता बीजेपी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में भारत रफ्तार ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से Exclusive बातचीत की। जहां उन्होंने पेपर लीक पर अपनी बात रखी और कहा छात्रों के हित के लिए हम भी करने के लिए तैयार है। 

पेपरलीक मामले में क्या बोले वासुदेव देवनानी? 

वासुदेव देवनानी ने भारत रफ्तार से बात करते हुए कहा, पेपरलीक दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कही न कही प्रशासनिक कमियां ध्यान आती है। राजस्थान में बीते कुछ सालों में शिक्षा माफिया, पेपर लीक माफिया पनपे हैं। जिनका काम केवल अपनों को लाभ दिलाना है। खुद को फायदा दिलाने के चक्कर में बच्चों के भविष्य के साथ इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं की जा सकती। पेपर लीक रोकने का कोशिश की जा रही है। बीजेपी सरकार इसके लिए कदम भी उठा रही है। 

पेपर लीक मामले पर छिड़ा संग्राम

बता दें, इससे पहले खींवसर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पेपरलीक मामले में लंबा चौड़ा पोस्ट करते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग पर सवाल खड़े किये थे। ट्वीट करते हुए बेनीवाल ने लिखा कि RPSC के दो सदस्यों की गिरफ्तारी, एसओजी के पेपर लीक की सिफारिश के बाद भी भर्ती को बीजेपी सरकार रद्द क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने भर्ती घोटाले को प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार की सवेंदनशीलता से जोड़ था। आरोप लगाया, एसओजी, PHQ, मंत्रिमंडलीय उप-समिति और एडवोकेट जनरल तक ने पेपर रद्द की सिफारिश की लेकिन अभी तक सरकार मौन है। ये चुप्पी दर्शाती है। कि युवाओं के लिए सरकार कितनी उदासीन है। आगे कहा, कई ट्रेनियों SI रिहा होने के बाद फिर से ड्यूटी पर है। जो सरकार की नीति पर सवाल खड़ा करता है। इतना ही नहीं, बेनीवाला का दावा है, सरकार के कुछ मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी जिनकी महिला मित्रों का चयन फर्जी तरीके से हुआ है। क्या वह सीएम से ऊपर है। ऐसे में सरकार का कार्रवाई न करना बड़े सवाल खड़े करता है। 

बहरहाल, हनुमान बेनीवाल के सनसनीखेज आरोपों के बाद हर कोई जानना चाहता है आखिर वह मंत्री और अधिकारी कौन हैं। जिनकी महिलामित्रों का चयन फर्जी तरीके से किया गया। इसके साथ ही सवाल खड़े होने लगे है क्या वाकई में सरकार एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। अगर सरकार छात्रों के साथ है, तो अभी तक सारे सबूत होने के बाद भी कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि बीते शनिवार मंत्रिमंडल की बैठक में नए जिलों पर तो चर्चा की गई लेकिन भर्ती परीक्षा ठंडे बस्ते में रहा। खैर सभी की नजरें अब सरकार पर है कि वह इस मसले पर क्या फैसला करती है।