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सदन में गूंजी प्यास की कहानी...पानी-पानी हुई राजस्थान की सियासत, भड़क उठे कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार!

Jhunjhunu water issue: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने झुंझुनूं के जल संकट पर सरकारों को आड़े हाथों लिया। शहीदों के बच्चे पानी को तरस रहे हैं, लेकिन सियासत सिर्फ अपने इलाकों को फायदा पहुंचा रही है। जानिए पूरी खबर!

सदन में गूंजी प्यास की कहानी...पानी-पानी हुई राजस्थान की सियासत, भड़क उठे कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार!

 Congress MLA Shravan Kumar: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में एक अलग ही माहौल बन गया जब कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार भड़क उठे। लेकिन ग़ज़ब ये कि गुस्सा किसी एक पार्टी पर नहीं, बल्कि पूरी सियासत पर था! उनका कहना साफ था – "पानी सबको मिला, बस झुंझुनूं को ही नहीं!" और इस प्यास की कहानी सदन में ऐसी गूंजी कि सरकार भी पानी-पानी हो गई।

सीएम कौन बना? पानी वहीं गया!
  श्रवण कुमार ने सीधे-सीधे तंज कसते हुए कहा –
 "सुखाड़िया मुख्यमंत्री बने तो उदयपुर नहाने लगा!"
 "गहलोत सीएम बने तो जोधपुर की बाल्टियां भर गईं!"
 "वसुंधरा आईं तो झालावाड़ पानी से तरबतर!"
 "हरिदेव जोशी के टाइम बांसवाड़ा की काया पलट!"

अब झुंझुनूं का कसूर क्या था? बस यही कि वहां से कोई मुख्यमंत्री नहीं बना! मतलब "सीएम बनो, तब पानी भरो!" 
"शहीद हो गए, अब पानी के लिए भी तरसों!"
श्रवण कुमार के शब्दों में गुस्सा ही नहीं, दर्द भी था। बोले – "हमारे क्षेत्र के लोग शहादत देते रहे, देश की रक्षा करते रहे, लेकिन उनके बच्चे बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं! शर्म आनी चाहिए!" उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि "कम से कम शहीदों की विधवाओं की इज्जत तो कर लो, उन्हें पानी ही दे दो!"

जलमंत्री को बस गंगा ही दिखती है
विधायक साहब ने जलमंत्री पर भी तंज कसते हुए कहा – "मंत्री ऐसे इलाके से आते हैं, जहां गंगा बहती है, तो भई उन्हें पानी की किल्लत का क्या पता!"
सदन में किसी ने मजाक में कह दिया – "तो क्या जलमंत्री का विभाग बदल दिया जाए?"
इस पर विधायक बोले – "नहीं-नहीं, बस इनको थोड़ी दया आ जाए तो शहीदों के बच्चों को भी पानी मिल जाए!"

अब देखना है ये गुस्सा कितना असर करता है
श्रवण कुमार के इस उग्र भाषण के बाद सदन में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया। सवाल ये है कि क्या सरकार वाकई इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी, या फिर ये गुस्सा भी बाकी नारों की तरह धुंआ बनकर उड़ जाएगा?