'महारानी' के तेवर से बैकफुट पर सरकार ! क्या करेंगे भजनलाल शर्मा, बनाया प्लान ?
राजस्थान में राजनीति गर्माई हुई है। वसुंधरा राजे ने पेयजल संकट पर सरकार को घेरा, वहीं भजनलाल शर्मा की सरकार पर अफसरशाही भारी होने का आरोप लगाया जा रहा है। यहां जानें ताजा अपडेट्स।

जयपुर। राजस्थान के कई जिलों का पारा 46 डिग्री तक पहुंच चुका है। तो वही राजनीति में भी तापमान बढ़ रहा है। पहले किरोड़ी लाल मीणा तो आप वसुंधरा राजे के तेवरों ने भजनलाल शर्मा को परेशान कर दिया है। दरअसल, बीते दिनों संसदीय क्षेत्र झालावाड़ के दौरे पर पहुंचीं राजे से स्थानीय जनता ने पेयजल की समस्या बताई थी। जिस पर महारानी का पर हाई हो गया। उन्होंने अफसरशाही से लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर दिएष उन्होंने सिलसिले बार कई ट्वीट कर चेतावनी दी। जनता के हक का पैसा उन्हें देना ही होगा। बात बढ़़ी तो केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से जलजीवन मिशन की रिपोर्ट मांग ली।
अफसर शाही से 'अपने' परेशान
बता दें, यह कोई पहली बार नहीं है जब भजनलाल शर्मा से अपने ही दल के नेताओं ने अफसर के रवाइयों को लेकर शिकायत की हो। किरोड़ी लाल मीणा, गोपाल शर्मा जैसे कई नेता अफसर पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। हालांकि डेढ़ साल के कार्यकाल में अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई या फिर एक्शन नहीं लिया गया है। इससे इतर दूसरे दलों के नेता राजकुमार रोत, हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस भी ये आरोप लगाते आए हैं कि सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी है। ऐसे में अभी तक कोई कार्रवाई होना बड़ेसवाल खड़ा कर रही है क्योंकि विपक्ष तो छोड़िए अब अफसर सरकार की बातें नहीं मान रहे हैं।
वसुंधरा के बयान पर कांग्रेस नेताओं का ट्वीट
पेयजल संकट का मुद्दा उठाने के बाद वसुंधरा राजे चर्चा में आ गई तो वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है। टीकाराम जूली से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करते हुए सरकार पर सवाल उठाए थे। इससे पहले कई बार डोटासरा भजनलाल सरकार पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। कुल मिलाकर अफसराशाही का मुद्दा भजनलाल सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। ऐसे में देखना होगा सरकार क्या एक्शन लेती है।