Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा के साथ भजनलाल शर्मा ने किया वही काम, जो कभी गहलोत ने पायलट के साथ किया!
राजस्थान की राजनीति में फिर भूचाल! किरोड़ी लाल मीणा ने भजनलाल सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया, सचिन पायलट की यादें ताजा। क्या बीजेपी में भी कांग्रेस जैसे हालात?

राजस्थान की राजनीति में सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाकर हंगामा खड़ा कर दिया है। उन्होंने बीते दिन राजधानी जयपुर स्थित आमागढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों संबोधित करते हुए बाबा किरोड़ी ने कहा, सरकार उनपर नजर रखने के लिए फोन टैप करा रही है, नजर रखने के लिए सीआईडी लगा रखी है। हालांकि इससे मैं डरने वाला नीं हूं। बाबा का ये बयान सामने आन के बाद अब हर किसी को सचिन पायलट की याद गई। उन्होंने भी अपनी सरकार के खिलाफ 2020 में मोर्चा खोल दिया था।
कांग्रेस की तरह बीजेपी में दो फाड़ !
2019 का दौर हर किसी के जहन में आज भी ताजा है। जब कांग्रेस ने सत्ता संभालने के बाद ही एक साल के भीतर गहलोत और पायलट की लड़ाई सड़कों पर आ गई। 2020 तक पायलट ने बागी रूख अपना लिया था और किरोड़ी बाबा की तरह अपनी ही सरकार पर रोजागार, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर गंभीर आरोप लगाये थे। किसी तरह गहलोत ने पांच साल पूरे किये पर 2023 के चुनावों में जो हुआ वो सभी ने देखा। कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई है। यही घटनाक्रम एक बार फिर 2025 में भी देखने को मिल रहा है। जहां इस बार कमान पायलट नहीं बल्कि किरोड़ी बाबा ने उठा रखी है। जबकि गहलोत की जगह सीएम भजनलाल शर्मा है। विधानसभा सत्र के बीच बाबा के इस बयान से पार्टी की फजीहत हो रही है। अगर वह इसी तरह हावी रहे तो आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बाबा किरोड़ी से कैसे निपटेगी बीजेपी
सियासी जानकार मानते हैं विधानसभा चुनावों के बाद से ही किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। पहले उन्हें कैबिनेट में मनमुताबिक पद नहीं दिया गया। इसके बाद दौसा सीट से भाई की हार में भी बाबा ने भीतरघात का बड़ा आरोप लगाया था। वह लगातार एसआई पेपर लीक, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सवाल करते हैं लेकिन अभी तक उनकी एक नहीं सुनी गई। ऐसे में ढेड़ साल के अंदर उपजी तल्खी अब खुलकर सामने आ गई है। जहां तक बात निपटने की है तो राजस्थान के पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय नेतृत्व की नजर है। दिल्ली चुनाव और संगठन इलेक्शन के बाद इस विषय पर फैसला लिया जा सकता है। खैर, भजनलाल सरकार फोन टैपिंग के लगे आरोपों पर क्या जवाब देती है ये देखना रोचक होगा।