Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

Rajasthan: राजनीति से "वैराग्य" लेने के मूड में किरोड़ी लाल मीणा ! सियासी गलियारों में हलचल तेज

किरोड़ी लाल मीणा के बजट सत्र में शामिल होने पर संशय, राजनीति पर दिया बड़ा बयान। क्या मंत्री पद से लेंगे सन्यास? राजस्थान की राजनीति में मची हलचल। पढ़ें पूरी खबर 

Rajasthan: राजनीति से "वैराग्य" लेने के मूड में किरोड़ी लाल मीणा ! सियासी गलियारों में हलचल तेज

जयपुर। बजट सत्र के लिए भजनलाल सरकार की तैयारियां पूरी हो गई हैं। 31 जनवरी से सत्र की शुरुआत होगी। इस बार का बजट पुराने सभी बजटों के मुकाबले ज्यादा बड़ा होने की उम्मीद है। इसी बीच चर्चा हैं, क्या किरोड़ीलाल मीणा बजट सत्र में शामिल होंगे। बीते दिनों खबरें आईं, उन्होंने विधानसभा स्पीकार वासुदेव देवनानी से मिलकर 3 फरवरी से अवकाश की मांग है लेकिन एक बार फिर बाबा ने ऐसा बयान दिया, जिससे लगने लगा है, वह अपना पद छोड़ने की मूड में हैं। दरअसल, कृषि मंत्री दौसा के लालसोट में व्यापार महासंघ के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। जहां उनके बयान एक बार फिर से सियासी भूचाल ला दिया है। 

"राजनीति की हुई दुर्दशा"

किरोड़ीलाल मीणा ने लोगों को संबोधित करते हुए ये मेरा सौभाग्य है जो चार सदनों मैंने जनता का प्रतिनिधित्व किया है। चाहे जिला प्रमुख हो, विधानसभा हो या फिर लोकसभा। मैंने जनता के मुद्दे उठाएं हैं लेकिन आज के समय में राजनीति अपने मूल कर्तव्यों से भटक चुकी है। इसकी दुर्दशा हो चुकी है। लोग जनता की भलाई के लिए बल्कि व्यापार करने के लिए राजनीति में आना चाहते हैं। वे सोचते हैं अगर पांच लाख करुंगा तो पचास लाख कमाऊंगा। राजनीति में अब भ्रष्टाचार हावी है। इस पर विचार करने की जरूरत है। 

बातों-बातों में किया इशारा  !

किरोड़ीलाल मीणा यहीं नहीं रुके। उन्होंने बातों-बाते में वैराग्य लेना का इशारा करते हुए कहा, मैं महाकुंभ जा रहा हूं, अगर मुझे वैराग्य हो जाए तो सबसे ज्यादा दरवाजें रामबिलास मीणा के लिए खुलेंगे। रामबिलास लालसोट से विधायक हैं। उनका ये बयान सियासी महकमे में चर्चा का विषय बना है। कई सियासी जानकार इसे मंत्रिमंडल विस्तार से भी जोड़कर देख रहे हैं। 

अधर में लटकी बाबा की राजनीति !

बता दें, लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार का जिम्मा लेते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इतने महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।  इससे इतर उपचुनाव में भी दौंसा सी किरोड़ीलाल मीणा के भाई को हार का सामना करना पड़ा था। वह कई अक्सर पद छोड़ने की बात करते हैं लेकिन उन्हें अक्सर मंत्री पद के अनुसार काम करते देखा जाता है। ऐसे में उनका ये बयान कई सवाल छोड़ गया है।