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अफसरशाही पर सवाल, राजे का वार ! टीकाराम जूली-डोटासरा ने दागे सवाल, पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान की राजनीति में भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे के बीच तनाव बढ़ रहा है। बीजेपी सरकार पर कांग्रेस के हमले और अफसरशाही की समस्याएं चर्चा में हैं।

अफसरशाही पर सवाल, राजे का वार ! टीकाराम जूली-डोटासरा ने दागे सवाल, पढ़ें पूरी खबर

जयपुर। राजस्थान की सियासत में आए दिन कोई न कोई भूचाल आता रहता है। एक तरफ भजनलाल शर्मा कांग्रेस के आरोपों से परेशान है तो दूसरी तरफ अब उनके पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। ये हम नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक के बाद एक ट्वीट कर रहे हैं। बात तब और बढ़ गई जब पूर्व सीएम वुसंधरा राजे ने ट्वीट किया। उन्होंने झालावाड़ के लोगों को पानी न मिलने पर सरकार के साथ अफसरों को खूब खरी-खोटी सुनाई और कहा, सरकार के पैसों के पाई-पाई का हिसाब देना ही होगा। ये बयान वायरल ही हुआ था, कि अब कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने सरकार पर हमला है। 

टीकाराम जूली का राजे के बयान पर रिएक्शन 

जूली ने ट्वीट करते हुए कहा- पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया जी का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है। जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है।

डोटसरा भी नहीं रहे पीछे 

इससे इतर गोविंद सिंह डोटसरा भी पीछे नहीं रहे, वसुंधरा राजे के बयान पर डोटासरा ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- धन्यवाद वसुंधरा राजे जी, राजस्थान की जनता को निष्क्रिय भाजपा सरकार की सच्चाई बताने के लिए।अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी,  सरकार की विफलताओं का यह व्याख्यान विपक्ष के किसी नेता ने नहीं, बल्कि भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी कर रही हैं।भाजपा सरकार के कुप्रबंधन से प्रदेश में बिजली-पानी की समस्या गहराती जा रही है, सरकार ने डेढ साल में कोई प्रबंध नहीं किया। हावी अफसरशाही की वजह से सरकार की तैयारियां और नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित है। दुर्भाग्य है राजस्थान की जनता का, जिन्होंने जनता की सरकार चुनने की जगह भ्रष्टाचारियों और अवसरवादियों के झांसे में आकर उन्हें सत्ता सौंप दी।पर्ची_सरकार से वसुंधरा राजे जी की यह ललकार जनता का भला करेगी या फिर पर्ची बदलवाएगी?

अफशाही से परेशान बीजेपी नेता 

बता दें, ये कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी नेताओं ने अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया हो। वसुंधरा राजे से पहले किरोड़ीलाल मीणा समेत कई नेता इस पर रिएक्शन दे चुके हैं। वहीं, हाल ही में जयपुर सिविल लाइन से विधायक गोपाल शर्मा ने भी अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। हालांकि अभी तक इस मसले पर सरकार ने मौन धारण किया हुआ है। देखना दिलचस्प होगा। सरकार अफसरशाही पर कैसे लगाम लगाती है और क्या एक्शन लेती हैं।