Rajasthan: जल विधेयक पर सरकार का यूटर्न, विरोध के बाद लिया फैसला, जानें पूरा मामला
राजस्थान विधानसभा में भूजल प्राधिकरण विधेयक पर बहस के दौरान भजनलाल सरकार ने विपक्ष के सवालों का सामना किया। विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया है, जिससे किसानों और जल प्रबंधन पर प्रभाव पड़ेगा।

जयपुर। विधानसभा में भजनलाल सरकार एक के बाद एक बिल पारित करवा रही है। बीते दिनों सरकार ने भूजल प्राधिकरण विधेयक पेश किया था। जहां पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक देखने को मिली। वहीं जब मामला बढ़ा तो भजनलाल सरकार ने बैकफुट पर आते हुए इसे प्रवर समिति के पास वापस भेज दिया है। इसके लिए सदन में मंजूरी भी दे दी गई। बता दें, यह विधायक 2024 में सेलेक्ट कमेटी को दिया गया था बाद में समय सीमा बढ़ाकर फरवरी कर दी गई। हाल में समिति ने जब रिपोर्ट पेश की तो सरकार ने इसे सदन में लाने का निर्णय किया लेकिन कुछ आशंकाओं के चलते इसे फिर से वापस ले लिया गया।
बिल से क्यों खुश नहीं था विपक्ष?
विपक्ष के कई विधायकों ने सरकार के बिल पर सवाल करते हुए कहा था, किसानों के पास ट्यूबवेल खुदाई और पानी को रेगुलेट करने के लिए कोई साधन नहीं है और सरकार के पास भी ऐसा करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं, अभी तक सरकारी कनेक्शन पर मीटर नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में भूजल से लेकर ट्यूबेल पर शक्ति से नजर रखना काफी मुश्किल भरा काम है।
भजनलाल सरकार पर भड़के टीकाराम जूली
वही, इस बिल पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा था, सरकार अब पानी पर पहरा लगाना चाहती है। प्रदेश में केवल जल ही ऐसी चीज थी जो बिना रोकटोक के मिलती थी लेकिन अब सरकार इस पर भी पाबंदी लगाने का काम कर रही है। यह बिल बिल्कुल भी जनता के हित में नहीं है। इससे अफसरशाही बढ़ेगी और जनता को दर-दर भटकना पड़ेगा।