Rajasthan: कांग्रेस का भविष्य बनेंगे सियासी पायलट ! बीजेपी नेताओं के बयानों से मची हलचल, पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2028 तय करेगा सचिन पायलट के सियासी भविष्य ? क्या कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगी? कार्यकर्ताओं और बीजेपी नेताओं का समर्थन। राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की संभावना के बीच पढ़ें ये खबर !

राजस्थान में विधानसभा चुनाव भले 2028 में होने हैं लेकिन सियासी बिसात अभी से बिछना शुरू हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आगामी चुनावों के लिए अपना नेता भी तय कर लिया है। एक के बाद एक सामने आ रहे वीडियो से साफ है ,इस बार हर कोई सचिन पायलट को सीएम बनते देखना चाहता है। बता दें, सियासी गलियारों में सचिन पायलट चर्चा का विषय बने हुए हैं। पहले कार्यकर्ताओं तो अब कई बीजेपी नेता भी उनके समर्थन में बयान दे चुके हैं। ऐसे में क्या कांग्रेस राजस्थान की डोर पायलट के हाथों में सौंपेगी?
राजस्थान में बड़ा होगा पायलट का कद !
दरअसल, 23 जनवरी को संपन्न हुई गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद के बैठक में अन्य विषयों से ज्यादा सचिन पायलट चर्चा में रहे। केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने बातों-बातों में इशारा किया, 2018 में कांग्रेस सत्ता में इसलिए आई थी, क्योंकि कमान सचिन पायलट के हाथो में थी। हालांकि उनकी इतनी मेहनत के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें सीएम नहीं बनाया। कहा, राजस्थान का समाज अगर किसी को अपना नेता मान लेता है तो उसे समर्थन छप्पर फाड़ कर देता है। हम भले अलग दल से हैं लेकिन उद्देश्य समाज की समाज है। हमारे सामाजिक हित सर्वोपरि है।
बीजेपी नेता ने लगवाए समर्थन के नारे
यहां तक तो ठीक था लेकिन जब बीजेपी नेता विजय बैंसला मंच पर पहुंचे तो लोगों ने पायलट तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ के नारे लगाने शुरू कर दिया। कई बार उन्होंने लोगों को शांत कराने की कोशिश की हालांकि पायलट के लिए नारे लगते रहे। इस पर आखिर में बैंसला ने जनता को आश्वसन दिया, अरे आप चिंता मत करिए। हम भी उनके साथ ही हैं।
कांग्रेस का भविष्य सचिन पायलट
गौरतलब है, पायलट इन दिनों कुछ ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली चुनाव के लिए तैयार रहना तो लगातार राजस्थान दौरे के साथ वह हर वक्त सुर्खियों में हैं। कई सियासी पंडित मानते हैं, आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं। वहीं, 2025 में राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर डोटासरा हैं लेकिन उम्मीद है इस बार नये अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। ऐसे में पायलट के लिए ये कुर्सी अहम है। 2018 में जब कमान उनके पास थी, तो सरकार कांग्रेस की आई थी, हालांकि वह सीएम नहीं बन सके थे। ऐसे में लोगों में पायलट के प्रति प्यार और चुनावों को देखते आलाकमान उन्हें नजर अंदाज करने का रिस्क नहीं उठा सकते। खैर ये सब मात्र कयास है लेकिन आने वाले भविष्य में पायलट और भी ज्यादा चर्चा में रहने वाले हैं।