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राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह ! डोटसरा का संदेश, जानें क्यों आया सियासी उबाल ?

राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी और संगठनात्मक विवाद बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 'स्लीपर सेल' को पार्टी कमजोर करने वाला बताया है और कार्यकर्ताओं को संगठन की प्राथमिकता पर काम करने का संदेश दिया है।

राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह ! डोटसरा का संदेश, जानें क्यों आया सियासी उबाल ?

जयपुर। प्रदेश की सियासत इन दिनों भले हिचकोले खा रही हो लेकिन बीते दिन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के एक ट्वीट ने सियासी जानकारों को भी हैरत डाल दिया। एक तरफ सचिन पायलट से लेकर टीकाराम जूली प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक होने का दावा करते हैं लेकिन डोटासरा ने ट्वीट के माध्यम से उन नेताओं को संदेश दे दिया है जो पार्टी में रहकर गुटबाजी का शिकार हैं या फिर अंतर्कलह का शिकार हैं। सबसे पहले ये पोस्ट देखिए-

एक्शन में गोविंद सिंह डोटासरा 

बता दें, बीते दिनों कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस सम्मेलन में पहुंचे थे। जहां नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कई नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लापरवाही और बात न मानने वाले कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दी थी। वहीं, बाद में डोटासरा ने ट्वीट करते हुए लिखा- पार्टी हमारा परिवार है, पार्टी से बड़ा कोई व्यक्तित्व नहीं।संगठन सर्वोपरि है और कार्यकर्ता इस संगठन का आधार स्तंभ है, इसलिए कार्यकर्ता का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं। जी का स्पष्ट संदेश है कि पार्टी को कमजोर करने वाली 'स्लीपर सेल' नहीं चाहिए।ये संगठन का साल है.. कार्यकर्ता का मान-सम्मान, संगठन को गतिशील बनाना और जनता के मुद्दे उठाना हमारी प्राथमिकता है।

सोशल मीडिया से लेकर सियासी जानकार स्लीपर सेल वाले बयान को पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी से जोड़ कर देख रहे हैं। क्या डोटासरा ने बातों-बातों में विशेष गुटबाजी की ओर इशारा किया जो पार्टी को कमजोर कर रहा है। हालांकि इसके पीछे की असली कहानी क्या है ये कोई भी नहीं जानता। 

सम्मेलन में नहीं शामिल हुए विधायक 

बता दें, सम्मेलन में शामिल होने के लिए सभी कार्यकर्ताओं और विधायकों के लिए आदेश जारी किया गया था। बाजजूद इसके विधायक रतन देवासी व डॉ समरजीत सिंह नहीं पहुंचे। मीडिया द्वारा सवाल किये जाने पर डोटासरा ने कहा- हम पता लगाएंगे, बात करेंगे। अगर बिना वजह, बिना काम के वह नहीं आए हैं तो जरूर पूछा जाएगा। अगर संगठन का काम है विधायक हो या फिर कोई जन प्रतिनिधि वे अपने व्यक्तिगत नाराजगी के कारण कार्यक्रम को नजरअंदाज कर रहे हैं तो ये संठन के लिए ठीक नहीं है। इसे ठीक करने का काम किया जाएगा। 

कुल मिलाकर, राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी अब साफतौर पर नजर आ रही हैं। ऐसे में देखना होगा, आने वाले दिनों में डोटासरा इससे कैसे पार पाते हैं।