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राजस्थान में कांग्रेस के भीतर हलचल! सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता और डोटासरा की गैरमौजूदगी से सियासी भूचाल?

Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस की सियासत गरमाई! सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता और गोविंद सिंह डोटासरा की गैरमौजूदगी ने अटकलों को हवा दी. क्या कांग्रेस में बड़ा बदलाव आने वाला है?

राजस्थान में कांग्रेस के भीतर हलचल! सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता और डोटासरा की गैरमौजूदगी से सियासी भूचाल?
राजस्थान कांग्रेस हलचल.

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बदलते राजनीतिक समीकरणों पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि सचिन पायलट अब नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की ओर देख रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सदन में कुछ नेता पहले बहुत सक्रिय थे, लेकिन अब कम दिख रहे हैं, जबकि कुछ नए चेहरे अब ज्यादा सक्रिय हो गए हैं.

पटेल ने अशोक चांदना और हरीश चौधरी के पहले सदन में कम उपस्थिति पर निशाना साधते हुए कहा कि अब जब गोविंद सिंह डोटासरा निष्क्रिय हो गए हैं और सचिन पायलट की सक्रियता बढ़ी है, तो वे भी विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने लगे हैं. उन्होंने हरीश चौधरी और टीकाराम जूली की बढ़ती बातचीत और सदन में उनकी हलचल को कांग्रेस के भीतर आने वाले "बड़े तूफान" का संकेत बताया.

कांग्रेस में सबकुछ ठीक?
इससे पहले, 7 मार्च को कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने गोविंद सिंह डोटासरा की सदन में गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया था. इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जवाब दिया, "दुश्मन न करे, दोस्त ने वो काम किया है." उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है और डोटासरा केवल कुछ दिनों से सदन में नहीं आ रहे हैं.

जूली ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि "सिर्फ डोटासरा ही नहीं, किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे भी सदन में लंबे समय से नहीं आ रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि "सदन के अलावा भी कई जिम्मेदारियां होती हैं."

डोटासरा की गैरमौजूदगी के पीछे क्या है वजह?
डोटासरा कुछ दिनों से विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, जिससे सियासी अटकलें तेज हो गई हैं. कुछ समय पहले मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा इंदिरा गांधी को "दादी" कहने पर हुए विवाद के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने विरोध जताया था. इस घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया था.

बाद में, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में डोटासरा की तरफ से माफी मांगी, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों का निलंबन वापस ले लिया गया. हालांकि, इसके बाद से डोटासरा सदन में नजर नहीं आए.

कांग्रेस के अंदरखाने की चर्चाओं के मुताबिक, डोटासरा, जूली के माफी मांगने के फैसले से नाखुश थे, और यही वजह है कि वह सदन में नहीं आ रहे. भाजपा अब इस मुद्दे को तूल दे रही है और कांग्रेस के भीतर संभावित अंतर्कलह पर लगातार सवाल उठा रही है.