दिल्ली में दिखा राजस्थान का संकल्प, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ातों के गहरे सियासी संकेत
Rajasthan CM Delhi visit: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नई दिल्ली दौरे के दौरान 10 केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और हरदीप पुरी जैसे वरिष्ठ नेताओं से हुई बातचीत में राजस्थान की स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, सुरक्षा और वित्तीय योजनाओं पर गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री की इस यात्रा को विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, वहीं इसके सियासी संकेत भी साफ हैं। यह दौरा राज्य-केंद्र समन्वय को और मजबूत करने की ओर इशारा करता है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की हालिया दिल्ली यात्रा महज एक औपचारिक दौरा नहीं थी, बल्कि विकास के बहाने राजनीतिक संदेशों से भरी एक सधी हुई रणनीति भी थी। जयपुर लौटते समय उनके चेहरे पर आत्मविश्वास साफ़ झलक रहा था — मानो उन्होंने न सिर्फ़ केंद्र के साथ समन्वय की डगर मजबूत की हो, बल्कि प्रदेश की अपेक्षाओं को भी नई संजीवनी दी हो।
गुरुवार को दिनभर चली बैठकों में सीएम शर्मा ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर राजस्थान की विकास योजनाओं को विस्तार देने की कोशिश की। संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से शुरू हुआ यह सिलसिला गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी तक पहुंचा। हर मुलाक़ात एक नई आशा, एक नई पहल और एक गहरी मंशा का संकेत थी — राजस्थान को आगे ले जाने की।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इन बैठकों के ज़रिए मुख्यमंत्री ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि केंद्र और राज्य के रिश्ते पहले से कहीं अधिक समन्वित हैं। चाहे बात प्रदेश की आर्थिक नीतियों की हो या सुरक्षा के मुद्दों की, सीएम शर्मा ने हर मोर्चे पर केंद्र से सहयोग की अपील की। वित्त मंत्री से संसाधनों के बेहतर आवंटन पर बात करते समय उनके चेहरे पर प्रदेश की चिंता थी, तो नितिन गडकरी से सड़क नेटवर्क को लेकर हुई चर्चा में एक विज़न झलक रहा था — एक ऐसा राजस्थान, जो तेज़ी से दौड़ सके।
हरदीप पुरी से रिफाइनरी और ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर हुई बात हो या जेपी नड्डा से चिकित्सा सेवाओं की मजबूती पर विमर्श, हर बातचीत मानो प्रदेश की ज़रूरतों की गूंज थी। और इन सबके बीच मुख्यमंत्री का सादा लेकिन स्पष्ट रवैया इस बात का इशारा करता है कि वे सिर्फ़ योजनाओं की बात नहीं कर रहे, बल्कि ज़मीन पर उतरने वाले बदलाव की बुनियाद रख रहे हैं।
इस यात्रा को यूं भी देखा जा रहा है कि यह विधानसभा चुनावों के बाद एक मुख्यमंत्री की दिल्ली दरबार में अपनी भूमिका को परिभाषित करने की कोशिश है। एक ओर जहां उन्होंने योजनाओं की बात की, वहीं दूसरी ओर यह दिखाया कि वे सिर्फ़ सत्ता के नहीं, जनता के भी प्रतिनिधि हैं।