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Rajasthan: मंत्रिमंडल विस्तार में चलेगा 'महारानी' का सिक्का, वसुंधरा खेमे को मिलेगी जगह ! जानें यहां

क्या वसुंधरा राजे की वापसी होगी राजस्थान की राजनीति में? क्या उन्हें भजन लाल शर्मा के मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी? जानिए राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और बीजेपी संगठन में बदलाव की पूरी खबर।

Rajasthan: मंत्रिमंडल विस्तार में चलेगा 'महारानी' का सिक्का, वसुंधरा खेमे को मिलेगी जगह ! जानें  यहां

राजस्थान में भजनलाल सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है। इसी बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी हलचल तेज हो गई है। सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर कई बड़े नेता दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात कर चुके हैं। इस फेहरिस्त में सबसे बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का शामिल है। बीते महीने वह दो बार राष्ट्रीय राजधानी पहुंची थीं। इसके साथ ही, जयपुर आए पीएम मोदी के साथ भी महारानी की कई तस्वीरें वायरल हुई थीं। ऐसे में कयासों का दौर भी जारी है। दबी जबान से कहा तो ये भी जा रहा है,कैबिनेट में वसुंधरा खेमे के नेताओं को शामिल किया जा सकता है। 

विधानसभा चुनाव से वसुंधरा की दूरी !

गौरतलब है, 2023 के आखिर में हुए विधानसभा चुनाव बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा था। उस दौरान भी आलाकमान और राजे की खटपट की कई खबरें सामने आईं थीं। सरकार आने पर जब मंत्रिमंडल का गठन किया तभी भी वुसंधरा गुट के नेताओं को नहीं शामिल किया गया। उस वक्त खबरें सामने आई, बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व पुराने नेताओं की बजाय नये चेहरों को मौका दे देना चाहता था। हालांकि राजे बिल्कुल शांत रही और चुनाव से दूरी बनाई। 2024 में वसुंधरा एक बार फिर एक्टिव हुईं और उन्हें भजनलाल सरकार के कार्यकाल का पहला साल पूरा होने पर आयोजित समारोह में उन्हें खास न्योता भेजा गया। उस दौरान वह पीएम मोदी के साथ बैठी थीं। इसके बाद उनकी लगातार दिल्ली की यात्रा ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। 

कैबिनेट संग संगठन में भी बदलाव

खैर, वसुंधरा राजे के करीबियों को मंत्रिमंडल में जगह मिलती या नहीं ये तो वक्त बताएगा। इसी बीच खबरें आ रही है केंद्रीय नेतृत्व जल्द प्रदेश बीजेपी संगठन में फेरबदल कर सकता है। 2024 में मदन राठौर को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। इससे पहले ये पद सीपी जोशी संभाल रहे थे। राठौर पुरानी टीम के साथ सक्रिय थे। उनकी मेहनत रंग भी लाई और सात सीटों पर हुए उपचुनावों में पांच पर कमल खिला। ऐसे में संगठन में भी बदलाव की चर्चाएं तेज हैं। जहां रिक्त पदों पर नियुक्तिों के साथ वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।