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Rajasthan: पायलट की एंट्री, डोटासरा की गैरमौजूदगी, राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक है या कुछ पक रहा है?

राजस्थान विधानसभा सत्र 2025 में कांग्रेस में क्या हो रहा है? सचिन पायलट और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच क्या खिचड़ी पक रही है? जानें इस राजनीतिक हलचल के बारे में। 

Rajasthan: पायलट की एंट्री, डोटासरा की गैरमौजूदगी, राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक है या कुछ पक रहा है?

जयपुर। विधानसभा सत्र का माहौल दिन पर दिन रोचक होता जा रहा है। कभी पूर्व प्रधानमंत्री को दादी कह दिया जाता है तो कभी नेता को पाकिस्तानी कहकर पुकारा जाता है। पक्ष हो या फिर विपक्ष दोनों की ओर से बयान बाजी का दौर भी जारी है लेकिन इन सब से हटकर हर किसी की नजरें कांग्रेस पर टिकी हैं। जहां डोटासरा बैकफुट पर हैं तो वहीं सचिन पायलट फ्रंटफुट पर आकर खेल रहे हैं। आखिर इस वक्त राजस्थान कांग्रेस में खिचड़ी क्या पक रही है ये सबसे बड़ा सवाल है तो चलिए इन्हीं सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे। 

1) सत्र के दूर गोविंद सिंह डोटासरा

जब से बजट सत्र शुरू हुआ। अगर भजनलाल सरकार को किसी से हर वक्त कटघरे में खड़ा किया तो वह कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा रहे। भ्रष्टाचार से लेकर किरोड़ीलाल मीणा के मुद्दे पर डोटासरा सदन में खूब गरजे। नौबत यहां तक आ गई, कि बीजेपी डोटासरा पर आरोप लगाने लगी, वह नेता प्रतिपक्ष को सदन में बोलने नहीं देते है लेकिन अब वही सदन खाली-खाली सा नजर आ रहा है। डोटासरा गायब है। इसके पीछे की वजह टीकाराम जूली से उनकी नाराजगी है या फिर कुछ और ये कोई नहीं जानता। 

2) डोटासरा गायब तो पायलट एक्टिव 

एक तरफ डोटासरा गायब चल रहे हैं तो दूसरी तरफ सचिन पायलट और भी ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं। वह राजनीति के अलावा शादियों में भी शिरकत कर रहे हैं। किरोड़ी लाल मीणा का मुद्दा हो या फिर कांग्रेस एकजुटता का। उन्होंने हर तरफ से बीजेपी को घेरा है। सचिन पायलट की सक्रियता पर बीजेपी नेता जोगाराम पटेल ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा था, सदन का माहौल बदला-बदला नजर आ रहा है। पहले जो नेता सक्रिय थे। अब वे नजर नहीं आ रहे। जो सक्रिय नहीं थे। अब सदन में उनका ही चेहरा दिखाई पड़ता है। 

3) कांग्रेस में पक रही कोई खिचड़ी ?

खैर, गोविंद सिंह डोटासरा ने जिस तरह सदन से दूरी बनाई हुई है। उससे ये साफ है, अभी कांग्रेस के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि कई शीर्ष नेता इन अटकलों को खारिज कर चुके हैं बावजूद इसके डोटासरा का अनुपस्थित रहना बड़ा सवाल बना हुआ है। वहीं, जहां तक बात सचिन पायलट की करें दिल्ली चुनाव के दौरान ही खबरें थी, आने वाले दिनों में राजस्थान में सचिन पायलट प्रदेश में सक्रियता बढ़ाएंगे। उनकी नजरें नेता प्रतिपक्ष की कु्र्सी पर हो या न हो लेकिन प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर है। 2018 में जब कांग्रेस ने उन्हें कमान सौंपी थी तो पार्टी ने जीत हासिल की थी। ऐसे में क्या एक बार फिर आलाकमान सचिन पायलट को जिम्मेदारी सौंपेंगे। ये सबसे सवालिया निशान है। बहरहाल, आगामी दिनों में राजस्थान कांग्रेस के कई रंग देखने को मिल सकते हैं। जिसे देखना वाकई दिलचस्प होगा।