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Rajasthan: फंस गए भजनलाल शर्मा- मदन राठौड़! ना मंत्रिमंडल फेरबदल आसान, इधर संगठन नियुक्ति में भी घमासान

राजस्थान में बीजेपी संगठन चुनाव में देरी, मंत्रिमंडल विस्तार और बजट सत्र की हलचल। क्या पार्टी के भीतर गुटबाजी और कलह पड़ रही भारी? जानें यहां। 

Rajasthan: फंस गए भजनलाल शर्मा- मदन राठौड़! ना मंत्रिमंडल फेरबदल आसान, इधर संगठन नियुक्ति में भी घमासान

राजस्थान में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। सत्तारूण पार्टी बीजेपी दो मोर्चों पर घिरी हुई है। एक तरफ संगठन चुनाव तो दूसरी ओर मंत्रिमंडल विस्तार। इससे इतर 31 जनवरी से बजट सत्र की भी शुरुआत हो रही है। ऐसे में आने वाले दिनों ये सरगर्मी और भी ज्यादा तेज हो सकती है। संगठन चुनाव दिसंबर माह में होने थे लेकिन तारीख बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी गई। हालांकि इसके बाद भी संगठन में अंदरूनी कलह के चलते अभी तक कोई भी निर्णय नहीं हो पाया है। जबकि कैबिनेट विस्तार के लिए भी तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है। 

संगठन चुनाव में क्यों हो रही देरी ?

बता दें, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष चुनाव लंबित है। इसके होने के बाद नये प्रदेशाध्यक्ष के लिए चुनाव कराए जायेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहती। जिसे देखते हुए सूची पर विचार किया जा रहा है। सियासी पंडित राजस्थान बीजेपी के चुनावों में देरी का कारण दिल्ली चुनाव को भी बता रहे हैं। दरअसल, राजस्थान दिल्ली और हरियाणा से सटा हुआ है। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में पार्टी नहीं चाहती जल्दबाजी में कोई भी फैसला लिया जाये। 

संगठन की शर्ते बनी रोड़ा !

वहीं, इस बार के संगठन चुनाव के कुछ शर्ते भी लागू की गई हैं जो परेशानी का बड़ा कारण बन रही है। मंडल अध्यक्ष पद से उम्र सीमा 35 वर्ष है। तो जिला अध्यक्ष के लिए 45-60 साल का होना जरूरी है। मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष वही बन सकते हैं जो पहले किसी पद पर रहे हों। जो दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं वह तीसरी बार नहीं बन सकते। अगर इन पदों के लिए कोई आवेदन करना चाहता है तो पार्टी के सक्रिय सदस्य होना चाहिए। विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की खिलाफत करने वाले कार्यकर्ताओं को इन पदों से दूर रखा जाएगा। इन शर्तों की वजह से नेता और कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे हैं। 

मंत्रिमंडल फेरबदल में कहां फंसा पेंच ?

भजनलाल सरकार को सत्ता में एक साल पूरा हो चुका है। ऐसे में कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं भी है। कहा जा रहा है, इस बार मंत्रिमंडल में वसुंधरा खेमे को जगह मिल सकती है तो दूसरी भजनलाल शर्मा की स्थिति भी मजबूत बना जा रही है। ऐसे में आलाकमान किसकी सुनते हैं ये सबसे बड़ा विषय है। बता दें, लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था तो हाल में सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 5 सीटों पर कब्जा जमाया है। जो 2014 से लेकर अभी तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। वहीं, चर्चाएं है कि इस बार नये चेहरों को मौक मिलेगा तो कई पुराने नेताओं की छुट्टी होगी। खैर, इस मसले में दो बड़े नेता आमने-सामने है। देखना होगा, आने वाले दिनों केंद्रीय नेतृत्व क्या फैसला लेता है।