Rajasthan: कई जिलाध्यक्षों के नाम से खुश नहीं BJP नेता ! इस वजह से हो रही देरी, क्या करेंगे मदन राठौड़? जानें यहां
राजस्थान बीजेपी में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में देरी और अंदरूनी कलह, संगठन चुनाव में गतिरोध, मदन राठौड़ के नेतृत्व में पार्टी की रणनीति और आगामी चुनाव की तैयारी की पूरी जानकारी पढ़ें यहां।

राजस्थान में इन दिनों सत्तारूण पार्टी परेशानी में नजर आ रही है। एक तरफ कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं हैं तो दूसरी ओर बीजेपी संगठन में नियुक्ति को लेकर घमासान अभी जारी है। कुछ दिनों पहले मंडल अध्यक्षों की लिस्ट जारी की गई थी। हालांकि कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद इस पर रोक लगा दी गई। अभी भी कई जिलों में जिला अध्यक्ष का इंतजार किया जा रहा है। पहले तो ये बात मंडल अध्यक्ष तक सीमित थी लेकिन अब ये मामला जिला अध्यक्षों के चुनाव के विरोध तक पहुंच गया है। अध्यक्षों की नियुक्ति बहुत पहले हो जानी चाहिए थी लेकिन लगातार सामने आ रहे गतिरोधों के कारण इसमें अभी और ज्यादा वक्त लगने की संभावना है।
बीजेपी के लिए सिर दर्द जिलाध्यक्षों की नियुक्ति !
बता दें, 30 दिसंबर 2024 तक बीजेपी को नये जिलाध्यक्षों की नाम की घोषणा करनी थी,जबकि प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन 15 जनवरी तक होना था लेकिन अभी तक 39 जिला अध्यक्षों की गोषणा नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार, जिलाध्यक्ष चुनाव 31 जनवरी तक कराने के आदेश हैं। बहरहाल, हर किसी को मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति का इंतजार है। लगातार हो रही देरी ने सियासी माहौल और भी ज्यादा गरमा है। सूत्रों की मानें तो कहा, जा रहा है, एक बार फिर से नामों की समीक्षा कर दी गई बस अब मुहर लगना बाकी है।
राह देख रहे प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर
गौरतलब है, इस वक्त राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मदन राठौड़ संभाल रहे हैं। राठौर के नेतृत्व में बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। जबकि लोकसभा चुनाव में परिणाम मकूल नहीं आए थे लेकिन राठौर ने खुद को साबित करते हुए उपचुनाव में कभी एक सीट जीतने वाली बीजेपी को 5 सीटों पर विजयी बनाया। ऐसे में उनके काम को देखते हुए शीर्ष नेता उनकी टीम मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा पार्टी उन चेहरों को मौका देना चाहती हैं तो 2028 के चुनाव में कमाल दिखा सकें।
जिलाध्यक्ष के चुनाव में देरी क्यों ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो बीजेपी जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने में देरी का कारण विधायक और नेता बताएं जा रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश की राजनीति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, कहा तो ये भी जा रहा है, जो नाम अभी तक डिसाइड किये हैं उनसे कई बीजेपी नेता खुश नहीं है। ऐसे में दोबारा विचार हो रहा है।