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राजस्थान विधानसभा में बवाल...शेरो-शायरी से शुरू हुई बहस ‘पाकिस्तानी-पाकिस्तानी’ के नारे तक पहुंची

Rajasthan Assembly Pakistani Remark: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक के शेर पढ़ने पर भाजपा विधायक ने 'पाकिस्तानी-पाकिस्तानी' का नारा लगा दिया, जिससे सदन में हंगामा मच गया. मामला बढ़ने पर सभापति को दखल देना पड़ा.

राजस्थान विधानसभा में बवाल...शेरो-शायरी से शुरू हुई बहस ‘पाकिस्तानी-पाकिस्तानी’ के नारे तक पहुंची

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को जो हुआ, वह किसी फिल्मी क्लाइमेक्स से कम नहीं था. माहौल शांत था, चर्चा चल रही थी, लेकिन फिर अचानक सदन का पारा चढ़ गया. वजह? शेरो-शायरी! जी हां, बहस में शायरी घुसी और फिर ऐसा हंगामा हुआ कि कुर्सियां नहीं, लेकिन शब्दों के तीर जरूर चले.

शेर पढ़ा और शुरू हो गई सियासी जंग
कांग्रेस के सचेतक रफीक खान जब भाजपा सरकार के एक साल की "नाकामियों" पर निशाना साध रहे थे, तो उन्होंने बड़े ठाठ से एक शेर सुना दिया—

"जो रईस हैं ख़ानदानी मिज़ाज रखते हैं नरम अपना,
तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है"

बस फिर क्या था, भाजपा विधायक गोपाल शर्मा को यह शेर कुछ ज्यादा ही चुभ गया और उन्होंने बिना समय गवाएं नारा लगा दिया— "पाकिस्तानी-पाकिस्तानी"

सदन बना अखाड़ा, नेताओं की जोरदार नोकझोंक
जैसे ही गोपाल शर्मा की आवाज गूंजी, कांग्रेस विधायकों को मानो 440 वोल्ट का झटका लगा. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत तमाम कांग्रेसी विधायकों ने इस टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया और हंगामा शुरू हो गया. सदन में दोनों पक्षों के बीच दो मिनट तक जबरदस्त नोकझोंक चली—जैसे कोई लाइव डिबेट शो चल रहा हो.

मंत्री को खुद जाकर शांत कराना पड़ा
हंगामा इतना बढ़ा कि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल को खुद गोपाल शर्मा के पास जाकर समझाना पड़ा कि "भैया, थोड़ा कंट्रोल रखो, सदन है कोई चौपाल नहीं" लेकिन मज़े की बात यह थी कि इसी बीच हवा महल के विधायक बालमुकुंद आचार्य भी बीच-बीच में अपनी टिप्पणियां फेंकते रहे, जिससे माहौल और गरम हो गया.

सभापति का पंच, मामला शांत
जब लगा कि अब तो माइक फेंकने की नौबत आ सकती है, तभी विधानसभा सभापति ने दखल दिया और दोनों पक्षों को शांत रहने की हिदायत दी. उनके हस्तक्षेप के बाद किसी तरह सदन की कार्यवाही दोबारा पटरी पर लौटी, लेकिन जो तमाशा हो चुका था, उसकी चर्चा अब पूरे राजस्थान में हो रही है.

विधानसभा में शेरो-शायरी खतरनाक है
इस घटना से एक चीज़ तो साफ हो गई—अगर आप विधानसभा में शेर पढ़ने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें, कोई उसे "सियासी बारूद" समझकर उसमें आग न लगा दे.