"राज खुलेंगे तो जेल चले जाएंगे", खाचरियावास पर हनुमान बेनीवाल का हमला, कर दिया बड़ा खुलासा !
ईडी ने PACL घोटाले के तहत कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के घर छापा मारा, तो वहीं हनुमान बेनीवाल ने भी उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सियासत में पाला बदलने का बड़ा कारण बताया। जानिए क्या है पूरा मामला।

जयपुर। प्रदेश की सियासत में इस वक्त सत्तारूढ़ से ज्यादा विपक्ष के चर्चे हैं। एक तरफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद कांग्रेस देशव्यापी प्रदर्शन कर रही हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान के बड़े कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास के घर बीते दिनों ईडी की रेड पड़ी थी। यह छापेमारी पीएसीएल घोटाले की तहत की गई थी। कांग्रेस नेता ने राज्य-केंद्र सरकार पर निशाना साधा था, तो अब वहीं इस मामले में हनुमान बेनीवाल भी कूद पड़े हैं। उन्होंने प्रताप खाचरियावास पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रताप खाचरियावास पर बोलें बेनीवाल
मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, आपको सारी जानकारी है तो ये बात भी पता होनी चाहिए आखिर प्रताप सिंह ने पाला क्यों बदला। जो कभी सचिन पायलट के करीबी थी, आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी जो उन्होंने गहलोत साहब के दल में शामिल होना पड़ा। इसके पीछे कारण कोई और नहीं बल्कि घोटाला है। ये ह्रदय परिवर्तन ऐसे नहीं हुआ था। परिवहन घोटाले के अंदर जो फाइल थी वो गहलोत जी ने मंगा ली। बस इसके बात रातोंरात पाला बदल गया। अगर इस घोटाले की जांच होती है तो प्रताप सिंह जेल के अंदर होते।
प्रताप खाचरियावास पर घोटाले का आरोप
बता दें, बीते दिनों ईडी ने प्रताप सिंह के घर पर छह घंटे से ज्यादा छापेमारी की थी। इस दौरान कांग्रेस नेता के साथ उनके समर्थक घर के बाहर डटे रहे और इसे सरकार की तानाशाही बताते रहे। ईडी ने ये कार्रवाई PACL घोटाले में की थी। PACL, यानी Pearls Agrotech Corporation Limited ने दो दशकों तक जमीन में निवेश के नाम पर करोड़ों लोगों से पैसे जुटाए। इंवेस्टर्स से वादा किया तो उन्हें मोटा रिटर्न मिलेगा। जब परतें खुलीं तो ये स्कीम निकली। जिसमें न तो जमीन थी और ना ही लाभ। ईडी अब PACL के इन्वेस्टमेंट हिस्ट्री को ट्रैक कर रही है और इसी क्रम में 15 अप्रैल 2025 को प्रताप सिंह खाचरियावास के घर छापा मारा गया। बताया जा रहा है कि जांच का केंद्र उन पैसों की तलाश है, जो कथित तौर पर घोटाले की रकम से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि खाचरियावास सीधे तौर पर इस घोटाले में शामिल हैं या नहीं।