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रिफाइनरी पर गरमाई सियासत, CM भजनलाल और जूली में तकरार, जनता को रोजगार या सियासी जुमले? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Rajasthan Politics: बालोतरा जिले के दौरे पर पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा ने रिफाइनरी का निरीक्षण किया और कहा कि उनकी सरकार ने एक साल में 13,500 करोड़ रुपये खर्च कर परियोजना का 90% काम पूरा कर लिया है। उन्होंने

रिफाइनरी पर गरमाई सियासत, CM भजनलाल और जूली में तकरार, जनता को रोजगार या सियासी जुमले? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Rajasthan Politics: राजस्थान की पचपदरा रिफाइनरी एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी का केंद्र बन गई है। सीएम भजनलाल शर्मा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। इस परियोजना की देरी को लेकर दोनों पक्ष अपनी-अपनी सरकारों की उपलब्धियां और दूसरे की विफलताएं गिनाने में जुटे हैं।

भजनलाल शर्मा: "जुमले पर नहीं, एक्शन पर भरोसा"

बालोतरा जिले के दौरे पर पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा ने रिफाइनरी का निरीक्षण किया और कहा कि उनकी सरकार ने एक साल में 13,500 करोड़ रुपये खर्च कर परियोजना का 90% काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस के ढुलमुल रवैये के कारण रिफाइनरी का काम वर्षों तक रुका रहा। हमारी सरकार ने परियोजना को प्राथमिकता दी और अब 3-4 महीने में रिफाइनिंग का काम शुरू हो जाएगा।"

सीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी के आसपास औद्योगिक गतिविधियां बढ़ाने की कोई ठोस पहल नहीं की। उन्होंने प्लग एंड प्ले आधारित व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार उद्यमियों को बेहतर सुविधाएं देकर रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है।

जूली का पलटवार: "डबल इंजन सरकार फेल"

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सीएम के बयानों पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, "आपने खुद स्वीकार किया कि रिफाइनरी का काम देरी से हो रहा है। ये डबल इंजन सरकार की विफलता को दर्शाता है। कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना की नींव रखी थी और 2022 तक इसे पूरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे लगातार टालते हुए देरी कराई।"

जूली ने ये भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम केमिकल्स एंड पेट्रो इन्वेस्टमेंट रीजन (PC-PIR) को लेकर जरूरी अनुमतियां रोक रखी हैं। इसके चलते रिफाइनरी के बाय प्रोडक्ट्स का स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग न होने से 1.5 लाख रोजगार के अवसर धूमिल हो रहे हैं।

कोरोना का असर या प्रशासनिक देरी?

टीकाराम जूली ने देरी के पीछे कोविड लॉकडाउन का हवाला दिया और कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिकता के साथ इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया था। वहीं, सीएम भजनलाल ने इसे कांग्रेस की नाकामी करार दिया।

सीएम ने कहा, "हम जुमलेबाजी में विश्वास नहीं रखते। कांग्रेस ने 10 साल तक परियोजना को अटकाए रखा। हमारी सरकार ने कम समय में काम पूरा कर दिखाया।"
इसके जवाब में जूली ने कहा,
"अगर आपकी सरकार इतनी सक्रिय है तो PC-PIR की मंजूरी अब तक क्यों नहीं मिली? ये केंद्र की उदासीनता और राज्य सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।"