Rajasthan: सरकारी स्कूलों पर फिर चढ़ा सियासी पारा ! डोटासरा ने बीजेपी नेताओं की लगाई क्लास
राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा पर राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इन स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है, जबकि शिक्षा मंत्री ने इस बात का खंडन किया है।

जयपुर। प्रदेश में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों की समीक्षा का आदेश जब से भजनलाल सरकार ने पास किया है इस पर राजनीति जारी है। कांग्रेस लगातार कहती आ रही है सरकार की मंशा इन स्कूलों को बंद करने की है। शिक्षा मंत्री समेत कई नेता इस बात का खंडन कर चुके हैं लेकिन एक बार फिर गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी के साथ कई नेताओं को आड़े हाथ लिया और उनपर निशाना साधा।
सरकारी स्कूल मसले पर भड़के डोटासरा
गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करते हुए लिखा, बीजेपी नेताओं के बच्चे इंग्लैंड,अमेरिका जैसे विदेशी देशों में पढ़ रहे हैं। वहां के अंग्रेजी स्कूलों में पढ़कर ये लोग अपने बच्चों को कामयाब बना रहे हैं लेकिन यही लोग नहीं चाहते की गरीब का बच्चा अंग्रेजी स्कूल में पढ़ें और आगे चलकर नौकरी करें। इसीलिए प्रदेश की बीजेपी सरकार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र रच रही है।
भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लैंड, अमेरिका और विदेशी मुल्कों में पढ़ रहे हैं, नामी अंग्रेजी स्कूलों में पढ़कर कामयाब बन रहे हैं।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) February 18, 2025
लेकिन ये लोग नहीं चाहते है कि गरीब का बच्चा अंग्रेजी में पढ़े, आगे बढ़े और अच्छी नौकरियां पाएं।
इसलिए प्रदेश की भाजपा सरकार महात्मा गांधी अंग्रेजी… pic.twitter.com/QZKgtALOWO
डोटासरा यही नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा, चौतरफा निंदा के बाद जब बीजेपी सरकार कुछ ना कर सकी तो अब इन स्कूलों को खत्म करने के लिए नया तरीका ढूंढा गया है। उन्होंने आरोप लगाया भजनलाल सरकार बड़ी संख्या में इंग्लिश मीडियम स्कूलों को अब हिंदी में रूपांतरित कर रही है। इतना ही नहीं इस दौरान वे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर भी हमलावर दिखे और कहा शिक्षा मंत्री इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी में बदलने के लिए दबाव बनाकर प्रस्ताव मांग रहे हैं।
डोटासरा ने दिया कोटा का उदाहरण
गोविंद सिंह डोटासरा ने कोटा का उदाहरण देते हुए कहा- यहां बिना किसी कारण के 28 स्कूलों को फिर से हिंदी मीडियम में बदलने के प्रस्ताव भेजे गए हैं। यहां पर पढ़ने वाले छात्रों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। बोर्ड की परीक्षाएं आने वाली है लेकिन बीजेपी सरकार को इससे मतलब नहीं है। उनका फोकस केवल इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करना है। सरकार इंग्लिश के स्कूलों में ना तो टीचर्स की नियुक्ति कर रही है और ना ही इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट दे रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इंग्लिश मीडियम स्कूल पर सरकार की नीति स्पष्ट करनी होगी।