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Rajasthan News: 80 में से 40 नंबर नहीं लाए बच्चे तो फेल होंगे मास्टर साहब, राजस्थान शिक्षा मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

Rajasthan Education News: मदन दिलावर के इस ऐलान के बाद राज्य के शिक्षा विभाग और शिक्षकों के बीच हलचल मच गई है. यह कदम बच्चों की पढ़ाई में सुधार लाने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए लिया गया है. मंत्री ने उम्मीद जताई है कि इन नियमों का सकारात्मक प्रभाव आने वाले परीक्षा परिणामों में दिखेगा.

Rajasthan News: 80 में से 40 नंबर नहीं लाए बच्चे तो फेल होंगे मास्टर साहब, राजस्थान शिक्षा मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उन्होंने राज्य के सरकारी स्कूलों में लागू किए गए हालिया बदलावों और शिक्षा में सुधार के प्रयासों के बारे में चर्चा की. मंत्री ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई को बेहतर बनाना है. उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अगर इन कदमों के बावजूद बच्चों के परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहे, तो जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी.

अभी कोई नया प्रयोग नहीं, पहले लागू होंगे मौजूदा आदेश
मदन दिलावर ने शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ के दौरे पर मीडिया से बातचीत में कहा, "फिलहाल राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कोई नया नवाचार नहीं किया जाएगा. पहले से जारी सरकारी आदेशों को सही तरीके से लागू करना प्राथमिकता है. जब इनका प्रभाव स्पष्ट दिखेगा, तब नए सुधार किए जाएंगे."

शिक्षक कक्षा में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं:

शिक्षक कक्षा में मोबाइल फोन लेकर नहीं जाएंगे. पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन स्टाफ रूम के लॉकर में बंद रखा जाएगा. स्कूल खत्म होने के बाद ही शिक्षकों को अपना मोबाइल मिलेगा. मंत्री ने कहा, "कक्षा में मोबाइल की घंटी बजने से बच्चों और शिक्षकों का ध्यान भटकता था. यह नई व्यवस्था पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने में मदद करेगी."

धार्मिक गतिविधियों के लिए स्कूल से छुट्टी नहीं
मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि स्कूल समय के दौरान बच्चों को किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों, जैसे पूजा-पाठ या नमाज के लिए छुट्टी नहीं दी जाएगी. पूजा या नमाज के लिए स्कूल से बाहर जाने की अनुमति अब स्कूल खत्म होने के बाद ही दी जाएगी. यह फैसला बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान को रोकने के लिए लिया गया है.

बच्चों के अच्छे प्रदर्शन पर ही शिक्षक होंगे पास
शिक्षा मंत्री ने परीक्षा परिणामों को लेकर सख्त नियमों की घोषणा की:

परीक्षा में 100 नंबर में से 20 नंबर प्रैक्टिकल के होते हैं और 80 नंबर लिखित परीक्षा के. पहले नियमों के अनुसार, प्रैक्टिकल में 20 में से पूरे अंक दिए जाते थे, जिससे बच्चों को सिर्फ 13 लिखित अंक लाने पर पास कर दिया जाता था. लेकिन अब लिखित परीक्षा में बच्चों को कम से कम 50% अंक (80 में से 40 अंक) लाने होंगे. उन्होंने कहा, अगर बच्चे 80 में से 40 नंबर नहीं लाते, तो बच्चे भले ही पास हो जाएं, लेकिन जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी. इस स्थिति में हम शिक्षक को फेल मानेंगे.