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फोन टैपिंग पर किरोड़ी लाल मीणा के आरोप, मंत्री बोले – ‘कोई बड़ा मुद्दा नहीं’, भजनलाल शर्मा की खामोशी बढ़ा रही सस्पेंस

Jawahar Singh Bedham Statement: राजस्थान की राजनीति में फोन टैपिंग विवाद एक नई बहस छेड़ चुका है. भाजपा के भीतर इस पर मतभेद साफ नजर आ रहे हैं. अब देखना यह होगा कि क्या यह मामला यहीं खत्म हो जाएगा या किरोड़ी लाल मीणा इसे और बड़ा बनाएंगे? आपकी क्या राय है? क्या फोन टैपिंग का यह मुद्दा महज एक राजनीतिक बयानबाजी है या इसके पीछे कोई बड़ा सच छिपा है?

फोन टैपिंग पर किरोड़ी लाल मीणा के आरोप, मंत्री बोले – ‘कोई बड़ा मुद्दा नहीं’, भजनलाल शर्मा की खामोशी बढ़ा रही सस्पेंस

Kirori Lal Meena Phone Tapping: राजस्थान की राजनीति में फोन टैपिंग का मुद्दा गरमाता जा रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर उनका फोन टैप करने का आरोप लगाया, जिससे प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई. हालांकि, इस पर राज्य के मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इसे तवज्जो देने से इनकार करते हुए कहा, "यह कोई बड़ा इश्यू नहीं है." वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भजनलाल शर्मा ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है.

जवाहर सिंह बेढम ने क्यों कहा – कोई बड़ा मुद्दा नहीं?
जब मंत्री जवाहर सिंह बेढम से इस विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप पहले भी लगते रहे हैं. राजनीति में इस तरह की बातें आम हैं. यह कोई गंभीर मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए. उनका यह बयान विपक्ष और किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को रास नहीं आया और इस पर और ज्यादा प्रतिक्रियाएं आने लगीं.

भजनलाल शर्मा की चुप्पी के क्या मायने?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भजनलाल शर्मा से जब इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा फिलहाल इस विवाद में नहीं पड़ना चाहती और मामले को ज्यादा तूल देने से बच रही है.

सियासत में गुटबाजी का संकेत?
राजस्थान भाजपा में पहले से ही नेतृत्व को लेकर अंदरूनी खींचतान चल रही है. ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा के इस आरोप ने गुटबाजी की अटकलों को और हवा दे दी है. कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला सिर्फ फोन टैपिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि पार्टी के अंदर गहरे मतभेदों की ओर इशारा करता है.

क्या भाजपा इस मुद्दे को दबाने में सफल होगी?
भले ही जवाहर सिंह बेढम ने इसे छोटा मुद्दा बताया हो और भजनलाल शर्मा ने चुप्पी साध रखी हो, लेकिन सवाल यह है कि क्या किरोड़ी लाल मीणा इसे आसानी से जाने देंगे? या फिर यह विवाद आने वाले दिनों में और ज्यादा गरमाएगा?