एनकाउंटर नहीं हत्या! मुश्किलों में हरीश चौधरी, कमलेश प्रजापत मामले में अदालत का फैसला
जोधपुर कोर्ट ने कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में CBI की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया। पूर्व मंत्री हरीश चौधरी की भूमिका की भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

जयपुर। प्रदेश में इस वक्त कमलेश प्रजापत एनकाउंटर का नाम हर किसी की जुंबा पर है। आज जोधपुर की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं, इस फेक एनकाउंटर बताते हुए कोर्ट ने 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्जा का आदेश दिया है। इस केस में पूर्व मंत्री हरीश चौधरी और उनके भाई मनीष चौधरी का नाम शामिल है। अदालत ने नेताओं की भूमिका की जांच के आदेश दिये हैं। ये फैसला कोर्ट ने मृतक कमलेश की पत्नी की याचिका की सुनवाई करते हुए सुनाया।
आखिर क्या है पूरा मामला
बता दें, बारमेड़ के कुख्यात तस्कर कमलेश प्रजापत का अप्रैल 2021 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस का तर्क था, जब वह प्रजापत को पकड़ने गए थे, तब उसने भागने के साथ गोली चलाने का प्रयास किया। जान बचाने के लिए पुलिसकर्मियों को फायरिंग करनी पड़ी और उसकी गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि इसी बीच सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए। जो कुछ और ही कहानी कह रहे थे। वीडियो में पुलिसकर्मी आरोपी को गाड़ी का शीशा तोड़कर दूसरी गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे थे। हालांकि इस दौरान उसे किसी पर कोई हमाल नहीं किया। इससे उलट पुलिस वालों ने उस पर गोली चलाई। वीडियो वायरल होते ही घटना ने राजनीतिक रूप ले लिया। बीजेपी नेताओं के साथ प्रजापत समाज के लोग सरकर पर आ गए और उन्होंने प्रशासन पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया। मामले में हरीष चौधरी और उनके भाई मनीष चौधरी की पुलिस संग सांठगांठ की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद ये मामला और भी ज्यादा बढ़ गया।
सीबीआई जांच पर पीड़िता परिवार ने उठाए सवाल
गहलोत सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। जहां क्लोजर रिपोर्ट पेश कर मामले को बंद कर दिया गया। हालांकि कमलेश प्रजापत की पत्नी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद स्पेशल अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए परिवार के लोगों और गवाहों के बयान दर्ज किये। मामले की जांच दोबारा की गई। अब जाकर अदालत ने एसपी समेत 24 पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज करने का आदेश का दिया है। वहीं, पूर्व मंत्री हरीश रावत के खिलाफ भी जांच शुरू कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश है।