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Hindenburg का शटरडाउन, बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ी जंग,धमेंद्र प्रधान ने कह दी बड़ी बात

हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की खबर से भारत में सियासी पारा गरमाया। जानिए अडानी मामले से जुड़ी इस कंपनी के बंद होने के पीछे क्या कारण हैं और बीजेपी-कांग्रेस में क्या छिड़ी है बहस।

Hindenburg का शटरडाउन, बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ी जंग,धमेंद्र प्रधान ने कह दी बड़ी बात

बीते दो सालों में अमेरिकन बेस्ड रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) का नाम खूब सु्र्खियों में रहा। इस कंपनी की रिपोर्ट अच्छे-अच्छे ग्रुप्स की बखिया उखड़ने का दम रखती है। भारतीयों की नजर में ये रिसर्च कंपनी उस वक्त आई जब अडानी समूह (Adani Group) पर बड़े आरोप लगे। रिपोर्ट का ऐसा असर हुआ, गौतम अडानी के ज्यादा शेयर टूटकर धड़ाम हो गए। यहां तक कई डीलें भी कैंसिल हो गईं। इसी बीच अब बड़ी खबर सामने आई है। जहां, अब हिंडनबर्ग फाउंडर नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने कंपनी बंद करने का ऐलान किया। जिसका असर अब भारत में देखने को मिल रहा है। यहां तक इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। 

हिंडनबर्ग पर बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया

बीजेपी नेता और शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- जिस विदेशी टूल की आड़ में भारत की औद्योगिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश राहुल गांधी और कांग्रेस ने की, वह कंपनी ही बंद हो रही। इससे साबित होता है कि भारत की औद्योगिक प्रगति की राह में रोड़ा लगाने के लिए हिंडनबर्ग के साथ कांग्रेस ने जानबूझकर साज़िश रची थी।  राहुल गांधी ने भारत के ख़िलाफ़ जंग का ऐलान भले अब किया है, लड़ तो वे पहले से रहे हैं। राहुल गांधी ने अपने बयानों और कृत्यों से भारत के लोकतांत्रिक, संवैधानिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक छवि को गहरी चोट पहुंचाई है।

कांग्रेस ने दिया करारा जवाब 

गौरतलब है, कांग्रेस नेता लगातार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी पर निशाना साधते आये हैं। ऐसे में अब हिंडनबर्ग बंद होने पर बीजेपी नेता एक के बाद कांग्रेस पर हमलावर हैं। इसी बीच कांग्रेस ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया जाहिर की है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का यह मतलब नहीं है कि 'मोदानी' को क्लीन चिट मिल गई है। जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट इतनी गंभीर साबित हुई थी कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय को उसमें अडानी ग्रुप के खिलाफ़ सामने आए आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

आखिर क्यों बंद हुई हिंडनबर्ग ?

रिसर्च कंपनी के मालिक नेथन एंडरसन का कहना है, हिंडनबर्ग को बंद करने का फैसला सोच-समझकर किया गया है। इसके पीछे उन्होंने कोई सटीक कारण नहीं बताया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, कंपनी की शुरुआत एक मकसद के तहत की गई थी। जिसे अब पूरा कर लिया गया है। उन्होंने इसे निजी फैसला बताते हुए अन्य किसी भी मुद्दे पर बात करने से मना कर दिया। बता दें, हिंडनबर्ग की नींव 2017 में पड़ी थी। ये कंपनी हर साल बिजनेस और अन्य सेक्टर में स्थित कंपनियों की दर्जनों रिपोर्ट पब्लिश करती है।