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Rajasthan: "बीजेपी-कांग्रेस में मेरा सामना करने का दम नहीं" हनुमान बेनीवाल का तीखा वार,पढ़ें पूरी खबर

खींवसर उपचुनाव में हार के बाद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी और रेवंत डांगा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने डांगा को अनपढ़ बताया और कहा कि बीजेपी-कांग्रेस के पास उनका मुकाबला करने वाला कोई नेता नहीं है। जानें बेनीवाल ने और क्या कहा।

Rajasthan: "बीजेपी-कांग्रेस में मेरा सामना करने का दम नहीं" हनुमान बेनीवाल का तीखा वार,पढ़ें पूरी खबर

राजस्थान की राजनीति में हनुमान बेनीवाल बड़ा नाम है। सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर पर उनका अपना अलग फैन बेस है। पहले खींवसर और नागौर उनका गढ़ माना जाता है लेकिन सात सीटों पर हुए उपचुनाव के में ऐसा परिणाम आया। जिसकी कल्पना शायद आरएलपी ने की हो। खींवसर में बीजेपी ने बेनीवाल के किले में सेंध लगाते हुए जीत हासिल की और विधायक बने रेवंत डांगा। इस चुनाव में आरएलपी प्रमुख की पत्नी कनिका बेनीवाल को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। वह कई कार्यक्रम में खींवसर हारने की पीड़ा व्यक्त कर चुके हैं। एक बार भी जनता को संबोधित करते हुए बेनीवाल का दर्द छलक पड़ा। इतना ही नहीं, उन्होंने डांगा पर इशारों-इशारों में तंज भी कसा। 

"जनता ने अनपढ़ को बनाया विधायक"

दरअसल, इस वक्त सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जहां हुनमान बेनीवाल ने खींवसर हारने पर पीड़ा जाहिर की। वह वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, खींवसर उपचुनाव का परिणाम देख देश में पूरे नागौर का सम्मान कम हो गया। यहां के लोगों ने ऐसे इंसान को विधानसभा भेजा है। जिसे पढ़ना नहीं आता और न काम की समझ है। गौरतलब है, रेवंत डांगा  कभी बेनीवाल के शिष्य हुआ करते थे लेकिन अब शिष्य ने गुरु को हरा दिया है। बेनीवाल कई बार डांगा को अनपढ़ कह चुके हैं। 

कांग्रेस-बीजेपी को दी चुनौती 

बेनीवाल यही नहीं रुके। कहा, मैं अपनी जनता से पूछना चाहता हूं जिस इंसान को आपने चुना है। वो हैं कहां है किसी को नहीं पता, आखिर वह कहां चले गए। इस बात को हमेशा याद रखिए जो नेता आपको चलना सिखाए, कदम से कदम मिलाकर खड़ा रहे उसे हमेशा मजबूत रखना है। ताकि वह विधानसभा में मुद्दों को उठा सके। बाकि नेता आते और जाते हैं, इनका कोई भरोसा नहीं कब बीजेपी और कांग्रेस के हो जाएं। कुछ तो हमारे साथ भी आने के लिए तैयार थे लेकिन मैंने मना कर दिया। अब हमें विकास और नई उमंग के साथ आगे बढ़ना है। उनके पास (बीजेपी-कांग्रेस) हनुमान बेनीवाल का सामना करने के लिए कोई नेता नहीं है। इसलिए हमारी पार्टी से अलग हुए लोगों को नेता बना रहे हैं। 

खींवसर सीट पर बीजेपी का कब्जा

2008 से खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल काबिज थे। इस सीट का राजा बेनीवाल को कहा जाता है, एक दशक से ज्यादा के समय तक यहां आरएलपी का राज रहा है लेकिन बीते कुछ सालों में इस सीट पर बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है। 2023 के विधानसभा चुनावों में बेनीवाल के सामने डांगा की चुनौती थी। भले बेनीवाल चुनाव जीत गए हो लेकिन मार्जिन केवल दो हजार वोटों का था। विधानसभा चुनावों में हार मिलने के बाद भी बीजेपी ने रेवंत डांगा पर दांव लगाया और उन्होंने जीत हासिल की।