ERCP का नाम बदलने पर राजनीति गरमाई, कैबिनेट मंत्री बोले "कांग्रेस की हालत खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे वाली"
ERCP project controversy: ERCP का नाम बदलकर "राम जल सेतु लिंक परियोजना" करना कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. भाजपा इसे धार्मिक आस्था और विकास का प्रतीक मान रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा की "धार्मिक राजनीति" कहकर आलोचना कर रही है.

ERCP Name Change Controversy:राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का नाम बदलकर "राम जल सेतु लिंक परियोजना" किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. गणतंत्र दिवस पर टोंक पहुंचे जलदाय मंत्री कन्हैया चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस केवल आपत्ति जताने का काम करती है, जबकि हमने भगवान राम के नाम पर यह परियोजना समर्पित की है, जो जीवन को संवारने का प्रतीक है.
केबिनेट मंत्री ने कहा...
चौधरी ने कहा कि अगर कांग्रेस को परियोजना का नाम पसंद नहीं है, तो शायद वे अपने परिवार वालों के नाम से इसे नामित करना चाहते होंगे. लेकिन हमने राम के नाम पर यह नामकरण किया, जो जोड़ने और निर्माण का प्रतीक है. राम सेतु ने मां सीता को वापस लाने के लिए जो भूमिका निभाई थी, उसी तरह यह परियोजना भी प्रदेश में जल संकट को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगी.
टोंक जिले का हर बांध होगा जलमग्न
कैबिनेट मंत्री ने दावा किया कि राम जल सेतु लिंक परियोजना से टोंक जिले का कोई भी बांध खाली नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना राजस्थान के जल संकट को खत्म करने के लिए क्रांतिकारी साबित होगी. साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस परियोजना को मूर्त रूप देने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस ने इसे आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया. उनकी निष्क्रियता के चलते हमें 5 साल की देरी झेलनी पड़ी.
मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार ने इस परियोजना का शिलान्यास करते ही काम तेज़ी से शुरू कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले चार वर्षों में इस परियोजना का पानी जनता तक पहुंच जाएगा.
कांग्रेस पर तीखे आरोप
चौधरी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा पर झूठी राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भगवान राम के नाम से चिढ़ है. जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने भी इससे पहले कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि डोटासरा को अपनी पार्टी के कामकाज पर नजर डालनी चाहिए. उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए उनकी "अतिवादी मानसिकता" को जिम्मेदार ठहराया.
रावत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में ERCP पर कोई ठोस काम नहीं किया. उनकी झूठी राजनीति और निष्क्रियता ने राजस्थान को पानी के लिए तरसा दिया. कांग्रेस की सोच केवल वोट बैंक तक सीमित है, जबकि भाजपा ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी और इसे धरातल पर लाने का काम किया.
राजनीति और राम का जुड़ाव
ERCP का नाम बदलकर "राम जल सेतु लिंक परियोजना" करना कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. भाजपा इसे धार्मिक आस्था और विकास का प्रतीक मान रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा की "धार्मिक राजनीति" कहकर आलोचना कर रही है.