CM को धमकी वाली जेल में बार-बार फोन मिलने से मचा हड़कंप, अब कौन है जिम्मेदार?
Dausa Jail Mobile Case: राजस्थान की दौसा जेल एक बार फिर विवादों में है, जहां तलाशी के दौरान मोबाइल फोन बरामद हुआ। यह वही जेल है जहां से सीएम भजनलाल शर्मा को धमकियां मिली थीं। जानिए पूरी रिपोर्ट।

राजस्थान की हाई सिक्योरिटी श्यालावास जेल नंबर दो एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां एक बार फिर तलाशी के दौरान मोबाइल फोन मिला है, जो न सिर्फ जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जेल में चल रही अंदरूनी व्यवस्थाएं किस कदर खोखली हो चुकी हैं। यह वही जेल है, जहां से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दो बार धमकियां मिल चुकी हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर जेल की कड़ी निगरानी और सुरक्षा का क्या अर्थ है, जब एक के बाद एक मोबाइल और सिम जैसे प्रतिबंधित सामान अंदर पहुंचते रहते हैं। बीते महीनों में इस जेल से 12 से ज्यादा मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, कुछ ही दिन पहले एक सरकारी नर्सिंग ऑफिसर को जेल के भीतर सिम कार्ड ले जाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चार दिन पहले ही जेल डीजीपी रूपेंद्र सिंह ने एसपी सागर राणा के साथ जेल का निरीक्षण किया था। उस दौरान सब कुछ सामान्य दिखाया गया, लेकिन अगले ही दिन एक नर्सिंग कर्मी सिम ले जाते पकड़ा गया और अब मोबाइल फोन मिलने की घटना सामने आ गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि जेल के भीतर कुछ तो ऐसा है जो आंखों से छिपाया जा रहा है।
कैसे बार-बार कैदियों तक मोबाइल पहुंच जाते हैं? क्या यह चूक है या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा? यह सवाल अब आम जनता के मन में भी उठने लगा है। प्रदेश की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली इस जेल में मोबाइल का मिलना, और वो भी उस जेल में जहां से मुख्यमंत्री तक को धमकियां दी जा चुकी हैं, एक बेहद गंभीर विषय है।
ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि केवल सतही कार्रवाई न हो, बल्कि इस पूरे मामले की तह तक जाकर उन चेहरों को बेनकाब किया जाए जो जेल के भीतर इस गिरोह को पनपने दे रहे हैं। सुरक्षा की दीवार जब अंदर से ही दरकने लगे, तो बाहरी बंदिशें कुछ नहीं कर पातीं।