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Phone Tapping: भजनलाल सरकार को घेरने के लिए बाबा ने दे दिया कांग्रेस को बड़ा हथियार... बीजेपी को नहीं छोड़ेंगे डोटासरा!

Phone Surveillance Allegations: फोन टैपिंग विवाद ने राजस्थान की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है. किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद कांग्रेस को सरकार पर हमला करने का बड़ा मौका मिल गया है. विधानसभा में इस मुद्दे पर जबरदस्त बहस होने की संभावना है और भजनलाल सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना होगा.

Phone Tapping: भजनलाल सरकार को घेरने के लिए बाबा ने दे दिया कांग्रेस को बड़ा हथियार... बीजेपी को नहीं छोड़ेंगे डोटासरा!

Kirodi Lal Meena News: राजस्थान में फोन टैपिंग विवाद ने एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी विधायक किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ कर दिया है कि वे इस मुद्दे पर भजनलाल सरकार को नहीं छोड़ेंगे.

किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों से सियासी हलचल
बीजेपी नेता और विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में भजनलाल सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कॉल्स रिकॉर्ड की जा रही हैं. उन्होंने इसे सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं. उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई और कांग्रेस ने इसे अपने पक्ष में भुनाने का मौका नहीं गंवाया.

कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी सरकार खुद अपने ही नेताओं की जासूसी करा रही है. उन्होंने कहा, "जब अपने ही नेताओं की निजता सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता के साथ क्या किया जा रहा होगा?" डोटासरा ने साफ किया कि विधानसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा और सरकार से इसका जवाब मांगा जाएगा.

क्या विधानसभा में हंगामा होगा?
फोन टैपिंग के इस विवाद को लेकर राजस्थान विधानसभा में बड़ा हंगामा होने की संभावना है. कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है और बीजेपी को बैकफुट पर लाने की रणनीति बना रही है. विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष सरकार से स्पष्ट जवाब मांग सकता है और सीएम भजनलाल शर्मा को सफाई देने के लिए मजबूर किया जा सकता है.

पहले भी उठा था फोन टैपिंग का मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान की राजनीति में फोन टैपिंग का जिन्न बाहर आया है. गहलोत सरकार के दौरान भी फोन टैपिंग के आरोप लगे थे, जब कांग्रेस सरकार पर अपने ही नेताओं और विपक्षी नेताओं की कॉल्स रिकॉर्ड करने का आरोप लगा था. तब बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन अब वही मुद्दा कांग्रेस के हाथ में बीजेपी को घेरने का बड़ा हथियार बन गया है.

सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी?
अब देखना होगा कि भजनलाल सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है. अगर फोन टैपिंग के आरोपों पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो कांग्रेस इस मुद्दे को और जोर-शोर से उछाल सकती है. यह विवाद आगामी चुनावों में भी बड़ा मुद्दा बन सकता है और बीजेपी को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.