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जनता नहीं, नेता ही परेशान ! अधिकारियों से विधायक त्रस्त, मूकदर्शक बनी सरकार, कांग्रेस ने किया वार

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार को विपक्ष से ज़्यादा उनके अपने विधायक घेर रहे हैं। वसुंधरा राजे से लेकर श्रीचंद कृपलानी तक, बीजेपी नेताओं की बयानबाज़ी से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या ये नेतृत्व संकट है या अंदरूनी सियासी रणनीति?

जनता नहीं, नेता ही परेशान ! अधिकारियों से विधायक त्रस्त, मूकदर्शक बनी सरकार, कांग्रेस ने किया वार

जयपुर। प्रदेश में इस वक्त भजनलाल सरकार की आलोचना कांग्रेस के ज्यादा उनके विधायक और नेता कर रहे हैं। बीते दिनों पूर्व सीएम वुसंधरा राजे ने अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया था। जिसके बाद कई विधायक लगातार अपनी सरकार पर बिफर रहे हैं और कांग्रेस इस मुद्दे को जमकर भुना रही है। ऐसे में सवाल किये जा रहे हैं, क्या पर्दे के पीछे से भजनलाल सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए खास चाल जा रही है, या फिर इसके पीछे का कारण कुछ और ही है। इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 

बीजेपी नेता कर रहे सरकार की आलोचना 

ये बात किसी से छिपी नहीं है,जब से बीजेपी सत्ता में आई है। जनता क्या मंत्री और विधायक अधिकारियों के रवैये से परेशान हैं। ढेड़ साल से खटपट की खबरें आती ही रहती है लेकिन ये मसला तब और ज्यादा चर्चा में आ गया। जब वुसंधरा राजे ने अधिकारियों को ट्वीट कर फटकार लगाई थी। इसके बाद विधायक सुरेश धाकड़ और अब श्रीचंद कृपलानी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस तरह से लगातार बीजेपी विधायक खुद की सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, उससे सियासी गलियारों में कही तरह की चर्चाओं ने जन्म ले लिया है। कोई इसे भजनलाल शर्मा से जोड़कर देख रहा है तो किसी से। वहीं, कांग्रेस लगातार इसे मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रही है। 

परिवहन विभाग कर रहा वसूली 

गौरतलब है, बीते दिनों भीलवाड़ा में एसीपी ने जयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर परिवहन विभाग के उड़नदस्ते पर  छापा मारा था। इस दौरान मौके से 14 हजार रुपए बरामद हुए थे। जबकि परिवहन विभाग के अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया था। वहीं, धौलपुर में भी परिवहन विभाग और प्रशासन के बीच टकराव देखने को मिला था। ऐसे में सवाल यही है, क्या ये जानबूझकर किया जा रहा है, या फिर इसके पीछे की वजह कुछ है। गौरतलब है, भजनलाल शर्मा को सीधे राजस्थान की कमान सौंपी गई थी। शायद ही जिसकी कल्पना किसी ने की थी। कहा तो ये भी जा रहा था, आलाकमान के फैसले से पार्टी के भीतर कई नेता खुश नहीं थे,जबकि कांग्रेस उन्हें अभी भी पर्ची वाला सीएम कहती है। ऐसे में जिस तरह अपने ही नेता भजनलाल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, वह नेतृत्व के लिए सवालिया निशान है। ऐसे में देखना होगा, वह इससे कैसे निपटते हैं साथ ही कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या कुछ करती है।