राजस्थान बीजेपी में संगठन नियुक्तियों पर कलह, जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों में देरी से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
Rajasthan political update: राजसमंद जिले में बीजेपी के 14 मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी, लेकिन विरोध के बाद इन नियुक्तियों को रोकने का आदेश प्रदेश सहसंयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने जारी किया. पार्टी की प्रदेश अपील समिति के सामने नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों के खिलाफ कई अपीलें आईं, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया. यह मामला पार्टी के आंतरिक असंतोष और विभिन्न धड़ों के बीच चल रहे टकराव को उजागर करता है.

Rajasthan BJP Mandal President issue: राजस्थान की राजनीति में इस समय बीजेपी (BJP) संगठन की अंदरूनी कलह सुर्खियों में है. संगठन के स्तर पर मंडल और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. पार्टी में अब तक मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के मामले में विवाद थमा नहीं था कि अब जिलाध्यक्षों के चयन पर भी अंदरूनी असहमति की खबरें सामने आ रही हैं. संगठन की नियुक्ति प्रक्रिया, जो कि पहले से ही देरी से चल रही थी, अब एक महीने पीछे हो गई है.
संगठन नियुक्तियों पर जारी है संघर्ष
राजस्थान बीजेपी को 30 दिसंबर तक सभी जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा करनी थी, जबकि 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन होना था. लेकिन अब तक 39 जिलाध्यक्षों के चुनाव की घोषणा नहीं हो पाई है। पार्टी ने 31 जनवरी तक जिलाध्यक्षों का चुनाव सम्पन्न करने का लक्ष्य रखा है, मगर संगठन के भीतर चल रहे अंतर्विरोधों के चलते यह काम चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.
पार्टी ने बूथ और मंडल स्तर के चुनाव दिसंबर 2024 तक सम्पन्न कर लिए थे। बूथ अध्यक्षों के निर्वाचन की डेडलाइन 5 दिसंबर और मंडल अध्यक्षों की 15 दिसंबर तक थी. इसके बाद 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के नाम तय करने थे, लेकिन कई जिलों में अभी भी प्रक्रिया अधूरी है. राजसमंद में तो मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद विरोध के चलते 14 नियुक्तियों को रोकना पड़ा.
राजसमंद में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर विवाद
राजसमंद जिले में बीजेपी के 14 मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी, लेकिन विरोध के बाद इन नियुक्तियों को रोकने का आदेश प्रदेश सहसंयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने जारी किया. पार्टी की प्रदेश अपील समिति के सामने नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों के खिलाफ कई अपीलें आईं, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया. यह मामला पार्टी के आंतरिक असंतोष और विभिन्न धड़ों के बीच चल रहे टकराव को उजागर करता है.
मदन राठौड़ की नई टीम का इंतजार
राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ अभी भी पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं. उन्हें 2022 में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, और अब उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में वे अपनी नई टीम को मजबूत करेंगे. संगठन में हो रही यह देरी आगामी 2028 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनावों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. पार्टी ऐसे चेहरों को आगे लाना चाहती है जो चुनावी मैदान में सक्रिय रहकर पार्टी के लिए काम करें.
आगामी चुनावों पर नजर
बीजेपी के लिए यह संगठन नियुक्ति प्रक्रिया बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह 2028 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति का हिस्सा है. पार्टी चाहती है कि नियुक्त किए गए नेता सक्रिय रहें और आने वाले चुनावों में बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करें. ऐसे में संगठन में हो रही देरी और अंदरूनी कलह पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है.