वसुंधरा राजे की एंट्री से बदलेगा गेम ! कैबिनेट विस्तार की अटकलें, क्या करेंगे भजनलाल शर्मा ?
राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, वहीं परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ नेताओं की छुट्टी भी तय मानी जा रही है। राजे खेमे की एंट्री से सियासी समीकरण बदल सकते हैं।

जयपुर। भजनलाल शर्मा के बीते दिनों दिल्ली दौरे ने कैबिनेट विस्तार की अटकलों को एक बार फिर से हवा दे दी है। हर कोई ये जानने को बेताब है इस बार किसे मौका दिया जाएगा और किसे बाहर निकाला जाएगा। राजनीतिज्ञ एक्सपर्ट्स मानते हैं, भजनलाल शर्मा की कैबिनेट में नेता तो कई हैं लेकिन ज्यादातर नेताओं के पास अनुभव की कमी है। ऐसे में किसी बड़े नेता को सरकार में शामिल किया जाता है, इसी बीच वसुंधरा राजे का नाम भी जोरों-शोरों से लिया जा रहा है।
शीर्ष नेताओं के संग दिल्ली में बैठक
गौरतलब है, बीते हफ्ते भजनलाल शर्मा दिल्ली पहुंचे थे। जहां उन्होंने आलाकमान से मुलाकात के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं संग बैठक की। इस दौरान प्रदेश की राजनीति और सभी घटनाक्रम पर चर्चा की गई। इसके साथ ही शर्मा ने आरएसएस शीर्ष पदाधिकारियों से भी मुलाकात की थी। ऐसे में कयास हैं, 30 अप्रैल तक कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो शेखावाटी और मेवाड़ के कुछ चेहरों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। जबकि परफॉर्मेंस के आधार पर एक-दो नेताओं की छुट्टी होना भी संभव है। जब कई विधायकों के विभाग में बदलाव हो सकता है तो कुई को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है, सीएम के शेखावाटी दौरे के बाद इसपर काम शुरू किया जा सकता है।
बढ़ गया सीएम भजनलाल शर्मा का कद !
उपचुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन और पार्टी की खामियों को हैंडल करने के बाद सीएम भजनलाल शर्मा का कद भी बढ़ गया है। ऐसे में माना जा रहा है, कैबिनेट विस्तार में उन्हें फ्री हैंड किया जा सकता है। हालांकि भजनलाल शर्मा से पहले वसुंधरा राजे पीएम मोदी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंची थीं। जिसके बाद कहा जा रहा है, कैबिनेट में वसुंधरा राजे खेमे के नेताओं को जगह दी जा सकती है। हालांकि जिस तरह अधिकारियों के खिलाफ बीजेपी विधायकों की लाबंदी दिखाई दे रही है, उससे कही न कही सरकार पर प्रेशर क्रिएट हो रहा है। ऐसे में विधायकों की नाराजगी को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट विस्तार से जुड़े फैसले लिये जा सकते हैं।