‘यह कांग्रेस की संस्कृति है’...डोटासरा के धरने पर बोले बेढम, पहलगाम शोक के बीच नाटक कर रही थी कांग्रेस
DGP Dharna Controversy: राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के डीजीपी दफ्तर पर धरने पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने तीखा पलटवार किया, बोले- कांग्रेस की संस्कृति है जनता को गुमराह करना।

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एक ओर जहां राज्य के लोग पहलगाम आतंकी हमले के शोक में डूबे हुए थे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का डीजीपी ऑफिस पर धरना देना भाजपा नेताओं को नागवार गुजरा। इसी को लेकर राज्य के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
बेढम का बयान "कांग्रेस का यह पुराना तरीका है"
बेढम ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जब देश अपने शहीदों को अंतिम विदाई दे रहा था, तब कांग्रेस डीजीपी दफ्तर के सामने धरना देकर सस्ती राजनीति कर रही थी। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और कांग्रेस की पुरानी आदत है—लोगों को गुमराह करना और नेताओं से बेतुके बयान दिलवाना।”
‘डोटासरा ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया’
बेढम ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की प्रेस वार्ता पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “डोटासरा की भाषा न केवल अशोभनीय थी, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को उत्तेजित करती है।”
पूरा मामला क्या है?
दरअसल, सीकर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दौरे के दौरान NSUI के ज़िला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने काले झंडे दिखाए, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की। इसके विरोध में गुरुवार को डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली डीजीपी ऑफिस पहुंचे और खुद को गिरफ्तार करने की मांग की। उनके साथ कई विधायक भी धरने में शामिल हुए।
बीजेपी बनाम कांग्रेस का नया मोर्चा
जहां कांग्रेस इसे लोकतंत्र का अपमान बता रही है, वहीं भाजपा इसे शहीदों की शहादत का अपमान मान रही है। इस विवाद ने सियासत में नई चिंगारी जला दी है।