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'अगर भजनलाल शर्मा ने कर दिया ये काम तो वसुंधरा राजे से भी निकल जाएंगे आगे', सीएम रचने जा रहे हैं इतिहास!

राजस्थान बजट सत्र के दौरान भजनलाल सरकार द्वारा राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 सदन में पेश किया गया। 

'अगर भजनलाल शर्मा ने कर दिया ये काम तो वसुंधरा राजे से भी निकल जाएंगे आगे', सीएम रचने जा रहे हैं इतिहास!

सोमवार को दो दिन बाद शुरु हुए राजस्थान बजट सत्र में धर्मांतरण विधेयक.... ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। भजनलाल सरकार इस विधेयक को पारित कराने की पूरी कोशिश में है, ताकि धर्मांतरण मामलों पर नकेल कसी जा सके। वैसे, ये पहली बार नहीं है जब राजस्थान में बीजेपी धर्मांतरण मामलों पर नकेल कसने के लिए इस विधेयक को लेकर पूरा जोर लगा रही है। इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार में भी इसपर काफी प्रयास किया गया था, लेकिन तब बात नहीं बन सकी थी।

जब राजे के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार नहीं हुई थी राजी!

राजस्थान बजट सत्र के दौरान भजनलाल सरकार द्वारा राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 सदन में पेश किया गया। राजस्थान में इस बिल का पास कराने की बीजेपी सरकार की ये दूसरी कोशिश है। इससे पहले जब साल 2006 में प्रदेश में धर्मांतरण मामलों में वृद्धि हुई थी।

तब वसुंधरा राजे द्वारा पहली बार धर्म स्वातंत्र्य बिल सदन में पास कराने की पहल की गई थी। वसुंधरा राजे के प्रस्ताव को तब यूपीए सरकार ने मूंजरी नहीं दी और मामला वहीं दब गया था। फिर 2008 में भी वसुंधरा राजे ने एक बार फिर सदन में बिल पेश किया थी। हालांकि फिर केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। 

भजनलाल सरकार के बिल में क्या है प्रावधान?

राजस्थान सरकार द्वारा पेश किए गए ‘दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024’ में जबरन धर्मांतरण, लालच देकर धर्म बदलवाने और लव जिहाद जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में इसकी सूचना देनी होगी। बिना अनुमति धर्म बदलने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

इसी के साथ ही अगर कोई व्यक्ति बहला-फुसलाकर, लालच देकर या किसी भी प्रकार के दबाव से धर्म परिवर्तन करवाता है, तो उसे 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है और अगर कोई शादी सिर्फ धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की जाती है, तो उसे पारिवारिक न्यायालय में रद्द किया जा सकता है।

वसुंधरा राजे के प्रस्ताव में क्या था?

वसुंधरा राजे जो बिल लेकर आयी थीं, उसके मुताबिक, यदि कोई शख्स झूठ बोलकर या फिर धर्म छिपाकर किसी दूसरे धर्म की महिला से शादी करती है तो उसे तीन से 10 साल की सजा हो सकती है। वहीं, यदि कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे दो महीने जिला कलेक्टर को इसकी जानकारी देनी होगी।