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क्या होगा Kirori Lal Meena का अगला कदम? मंत्रिमंडल में किरोड़ी की जगह पर सस्पेंस बरकरार, बाबा की बढ़ती नाराजगी

Rajasthan Politics : किरोड़ी लाल मीणा का नाम एक समय राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शामिल किया जा रहा था। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कृषि मंत्री का पद सौंपा। हालांकि, इस विभाग में भी किरोड़ी अपनी छवि के अनुरूप स्वतंत्र निर्णय लेने में असमर्थ दिखे। 

क्या होगा Kirori Lal Meena का अगला कदम? मंत्रिमंडल में किरोड़ी की जगह पर सस्पेंस बरकरार, बाबा की बढ़ती नाराजगी

Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति में किरोड़ी लाल मीणा का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद किरोड़ी की पहचान उनके दमदार व्यक्तित्व और जमीनी पकड़ के लिए होती है। लेकिन हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों ने उनकी राजनीतिक स्थिति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, समझते हैं कि हालिया परिदृश्य में उनकी स्थिति क्या है और मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी भूमिका क्या हो सकती है।

सीएम बनने की उम्मीद और मंत्री पद से असंतोष

किरोड़ी लाल मीणा का नाम एक समय राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शामिल किया जा रहा था। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कृषि मंत्री का पद सौंपा। हालांकि, इस विभाग में भी किरोड़ी अपनी छवि के अनुरूप स्वतंत्र निर्णय लेने में असमर्थ दिखे। उनके आदेश के बिना ट्रांसफर न होने जैसी घटनाओं ने उनके असंतोष को बढ़ा दिया।

विभागीय विवाद और नाराजगी

कृषि विभाग का कार्यभार उनके साथ रहा, लेकिन विभागीय फैसलों में उनकी भूमिका सीमित कर दी गई। मदन दिलावर के अधीन विभाग आने से किरोड़ी और अधिक असंतुष्ट हो गए। ये उनके लिए बड़ा झटका था क्योंकि इससे उनकी स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति प्रभावित हुई।

SI भर्ती और अन्य मुद्दों पर सिरदर्द

राजस्थान में SI भर्ती घोटाले का मुद्दा भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए विवाद का केंद्र बना रहा। किरोड़ी ने इस पर मुखर रुख अपनाया, लेकिन इसे लेकर पार्टी के अंदर और बाहर उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ये मुद्दा उनके लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद साबित नहीं हो सका।

परिवारिक विवाद और चुनावी हार

राजनीति में परिवार की भागीदारी हमेशा चर्चा का विषय रही है। किरोड़ी के भाई जगमोहन को पार्टी ने टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव हार गए। इससे पार्टी और किरोड़ी की साख पर सवाल उठे। हाल ही में हुए दौसा निकाय चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हो गई।

मंत्रिमंडल विस्तार में भविष्य

अब सवाल ये उठता है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में किरोड़ी की भूमिका क्या होगी। उनकी पार्टी में मौजूदा स्थिति और हालिया विवादों को देखते हुए ये कहना मुश्किल है कि उनकी 'चलेगी' या नहीं। भाजपा के लिए उनके जैसे नेता का अनुभव और लोकप्रियता महत्वपूर्ण है, लेकिन आंतरिक असंतोष और विवादों के कारण उनका कद प्रभावित हो सकता है।