राजस्थान में वसुंधरा राजे और भजनलाल साथ-साथ, ‘महारानी’ की वापसी का मंत्रिमंडल विस्तार और बजट में दिखेगा असर !
राजस्थान में भले ही इस वक्त सर्दी का मौसम हो, लेकिन राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। इसके पीछे कई कारण है। पहला- राजस्थान का बजट सत्र शुरू होने वाला है, दूसरा- मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हैं, इसके अलावा तीसरा और सबसे बड़ा कारण है वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा की मुलाकात।

राजस्थान की राजनीति में इस वक्त हलचल मची हुई है। हो भी क्यों न राजस्थान की राजनीति में ‘महारानी’ यानि वसुंधरा राजे एक्टिव हो गई हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात अपने आप में ही खास है।
बजट सत्र से पहले मुलाकात के सियासी मायने
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने उनके आवास पहुंचे हुए थे। सूत्रों ने बताया है कि दोनों के बीच करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। 31 जनवरी से राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों के बीच बजट संबंधी बिंदुओं पर चर्चा हुई है।
मंत्रिमंडल में वसुंधरा के चहेतों को मिलेगी जगह !
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा जोरों पर हो रही है। सूत्रों ने बताया है कि दोनों नेताओं के बीच मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हुई है। दोनों की इस मुलाकात से मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों को जरूर हवा मिल गई है। मुलाकात के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस हफ्ते के आखिर तक कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है तो कई की जगह पक्की होने वाली है। हालांकि सबकी निगाहें वसुंधरा राजे के करीबियों पर रहेंगी।
इनको मिल सकती है जिम्मेदारी
ऐसी भी जानकारियां हैं कि राजस्थान के कुछ बड़े नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिलनी लगभग तय हैं। ये वो नेता हैं जो वसुंधरा राजे की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम कालीचरण सराफ और श्रीचंद कृपलानी का है। मुलाकात के बाद कई मुद्दों पर आपसी सहमति भी बनती दिख रही है।
क्या बजट सत्र के बाद होगा विस्तार ?
सूत्रों की मानें तो बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं ज्यादा हैं। बजट सत्र में संबंधित विभाग के मंत्रियों से सवाल-जवाब किए जाते हैं। अगर ऐसी स्थिति में बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो बिना शपथ ग्रहण के मंत्रियों का सवालों के जवाब दे पाना मुश्किल होगा।
वसुंधरा के करीबियों की एंट्री पक्की !
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर मंत्रिमंडल का विस्तार होता है, तो इस बार वसुंधरा राजे के गुट के नेताओं को मौका दिया जाएगा। जिस तरह से कुछ दिन पहले दिल्ली में दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की उससे संकेत एकदम साफ हैं। इसके बाद भजनलाल शर्मा गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं।