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महिला दिवस पर वसुंधरा राजे खास: जानिए शाही विरासत से राजनीति की बुलंदियों तक का सफर

Vasundhara Raje Story: वसुंधरा राजे, जो शाही परिवार की बेटी से राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, उन्होंने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई. जानिए उनके संघर्ष, सफलता और प्रभावशाली सफर की कहानी.

महिला दिवस पर वसुंधरा राजे खास: जानिए शाही विरासत से राजनीति की बुलंदियों तक का सफर
महिला दिवस पर वसुंधरा राजे खास.

जयपुर: अगर साहस, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता की मिसाल देखनी हो, तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बेहतर कोई नहीं. उन्होंने न सिर्फ अपनी पहचान एक शाही परिवार की बेटी के रूप में बनाई, बल्कि राजनीति में अपना अलग वजूद भी स्थापित किया.

8 मार्च 1953 को मुंबई में जन्मीं वसुंधरा राजे ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की राजकुमारी हैं. उनके पिता महाराजा जीवाजीराव सिंधिया और माता राजमाता विजयाराजे सिंधिया भारतीय राजनीति की दिग्गज हस्तियां थीं. लेकिन वसुंधरा ने केवल अपनी शाही विरासत पर निर्भर न रहते हुए राजनीति में खुद को साबित किया.

शादी, संघर्ष और अकेले खड़े होने की हिम्मत
1972 में वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर के महाराजा हेमंत सिंह से हुई, लेकिन यह शादी ज्यादा समय तक नहीं चली और दोनों अलग हो गए. हालांकि, अपने बेटे दुष्यंत सिंह की परवरिश उन्होंने अकेले की और उसे सफल बनाया. वसुंधरा ने अपने अलगाव को कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि अपनी साहसिक सोच और मेहनत से खुद को राजनीति में मजबूत किया.

राजनीति में धमाकेदार एंट्री
1984 में वसुंधरा राजे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की और धीरे-धीरे अपनी पहचान मजबूत की. 2003 में उन्होंने इतिहास रच दिया जब वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद 2013 में फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और अपनी सशक्त लीडरशिप से राजस्थान को नई दिशा दी.

सत्ता से लेकर फैशन तक बेमिसाल
वसुंधरा राजे सिर्फ एक प्रभावशाली नेता ही नहीं, बल्कि एक स्टाइल आइकन भी हैं. उनकी रॉयल साड़ियां, ग्रेसफुल लुक और आत्मविश्वास उन्हें सबसे अलग बनाते हैं. 2023 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनका नेट वर्थ: ₹5.5 करोड़, 3 किलो सोने की मालकिन और कई अन्य संपत्तियों और निवेशों की स्वामिनी हैं.

'कैटवॉक' से विरोधियों की बोलती बंद
2006 में वसुंधरा राजे ने खादी और राजस्थानी कला को प्रमोट करने के लिए एक फैशन शो में कैटवॉक किया. उनके इस कदम की कई लोगों ने आलोचना की, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास से जवाब दिया कि देश की हर महिला खूबसूरत और आज़ाद है और अपनी इच्छा से कुछ भी कर सकती है.

महिला हो तो वसुंधरा राजे जैसी!
आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, वसुंधरा राजे जैसी प्रेरणादायक महिलाएं यह साबित कर चुकी हैं कि अगर हौसला हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती. उन्होंने दिखाया कि नारी सिर्फ शक्ति ही नहीं, बल्कि नेतृत्व और सफलता की भी पहचान हो सकती है.