Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

ट्रंप के टैरिफ बम से थर्राया बाजार, जिम्बाब्वे ने टेके घुटने, कनाडा ने दी बर्बादी की चेतावनी

Trump Tariff News: ट्रंप के टैरिफ ऐलान से वैश्विक बाजारों में हाहाकार मच गया है। जिम्बाब्वे ने झुकते हुए टैरिफ हटाया, जबकि कनाडा ने इसे अमेरिका के लिए आत्मघाती बताया। जानिए इस फैसले के असर की पूरी कहानी।

ट्रंप के टैरिफ बम से थर्राया बाजार, जिम्बाब्वे ने टेके घुटने, कनाडा ने दी बर्बादी की चेतावनी
trump-tariff-shock-market-collapse-zimbabwe-canada-warning

डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीति ने एक बार फिर दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ बम की गूंज सिर्फ वॉल स्ट्रीट तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका असर टोक्यो से लेकर मुंबई तक के बाजारों में महसूस किया गया। शुक्रवार को किए गए टैरिफ ऐलान ने ग्लोबल इकॉनमी को आशंकाओं से भर दिया है—और इसका नतीजा, हड़कंप मचाते बाजार, बिफरे सहयोगी देश और गहराते राजनीतिक तनाव के रूप में सामने आ रहा है।

सबसे पहले नजर डालें वैश्विक बाजारों पर, तो तस्वीर बेहद डरावनी नजर आती है। एशियाई बाजार सोमवार को खुलते ही धड़ाम हो गए। जापान का निक्केई 6.3% और हांगकांग का हैंग सेंग 10% तक गिर गया। भारतीय बाजार ने भी 5% की गिरावट के साथ दिन की शुरुआत की। अमेरिका में तो हालात और खराब रहे—S&P 500 को 2020 के बाद की सबसे बुरी गिरावट झेलनी पड़ी।

इन सबके बीच जिम्बाब्वे ने जो किया, वह कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था। राष्ट्रपति एमर्शन म्नांगागवा ने अमेरिकी आयात पर लगे सभी टैरिफ हटा लिए। उनके मुताबिक यह फैसला अमेरिका के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की दिशा में उठाया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हमारा कदम दोनों देशों के बीच व्यापार को गति देगा।"

हालांकि, आलोचकों की राय अलग है। वरिष्ठ पत्रकार होपवेल चिन’ओनो ने इसे 'ट्रंप को खुश करने की चाल' बताया और कहा कि इससे जिम्बाब्वे को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा।

कनाडा ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। देश के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप के टैरिफ प्लान को आत्मघाती करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह नीति न सिर्फ कनाडा, बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी गहरे संकट में धकेल सकती है।

ट्रंप भले दावा कर रहे हों कि यह कदम अमेरिका को "पहले से कहीं ज्यादा समृद्ध" बना देगा, लेकिन सच्चाई ये है कि बाजार और सहयोगी देश इस दावे पर भरोसा करने को तैयार नहीं।