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"गुंडई नहीं चलेगी": पुलिस और विधायक के बीच बढ़ा तनाव, मामूली विवाद ने लिया हिंसक रूप, राजनीति और हिंसा का जुड़ाव

मिली जानकारी के अनुसार, दो पड़ोसियों के बीच हुए छोटे से विवाद ने बड़ा रूप तब ले लिया जब पूर्व पार्षद के बेटे ने समर्थकों के साथ पड़ोसी परिवार पर हमला बोल दिया।

"गुंडई नहीं चलेगी": पुलिस और विधायक के बीच बढ़ा तनाव, मामूली विवाद ने लिया हिंसक रूप, राजनीति और हिंसा का जुड़ाव

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर हिंसा और विवाद के साए में आ गई है। जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक गोपाल शर्मा के समर्थकों पर एक परिवार पर हमला करने और महिलाओं के साथ अभद्रता का गंभीर आरोप लगा है। यह घटना कटेवा नगर की है, जहां मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।

क्या है पूरा मामला ?

मिली जानकारी के अनुसार, दो पड़ोसियों के बीच हुए छोटे से विवाद ने बड़ा रूप तब ले लिया जब पूर्व पार्षद के बेटे ने समर्थकों के साथ पड़ोसी परिवार पर हमला बोल दिया। आरोप है कि समर्थकों ने घर में घुसकर महिलाओं को न केवल पीटा, बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए। इस घटना के बाद माहौल बिगड़ गया, और गुस्साए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उन्हें भी पथराव का सामना करना पड़ा। इस हिंसा में दो पुलिसकर्मी और कुछ महिलाएं घायल हो गईं। पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने और हिंसा फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

विधायक गोपाल शर्मा पर उठे सवाल

घटना के दौरान विधायक गोपाल शर्मा भी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। इससे मामले ने और अधिक राजनीतिक रंग ले लिया। पीड़ित परिवार अब न्याय की गुहार लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिला है।

विधायक का विवादों से पुराना नाता

भाजपा विधायक गोपाल शर्मा अपने तेज-तर्रार रवैये और विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। कुछ समय पहले उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पुलिस अधिकारियों से तीखे लहजे में बात करते नजर आए थे। मामला शास्त्री नगर में पुलिस द्वारा मकानों को अवैध बताने का था।

उस समय विधायक ने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था, "जमीन पर किसका हक है, ये फैसला अदालत करेगी, पुलिस नहीं।" इस दौरान उनकी और पुलिस अधिकारियों की बहस इतनी बढ़ गई कि उन्होंने पुलिस पर "सरकार की भी इतनी ताकत नहीं" जैसे बयान देकर अपनी नाराजगी जताई।

राजनीति और हिंसा का जुड़ाव

जयपुर की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सत्ताधारी और विपक्षी दलों के नेताओं के रवैये पर भी गंभीर चिंतन की जरूरत है। क्या नेताओं के समर्थकों को कानून अपने हाथ में लेने की छूट है? और क्या इन घटनाओं का असर आम जनता के न्याय और सुरक्षा पर पड़ता है?

सवालों के घेरे में विधायक की छवि

विधायक गोपाल शर्मा का विवादित व्यवहार और उनके समर्थकों की कथित हिंसा भाजपा के लिए एक नई चुनौती बन सकती है। अब यह देखना होगा कि पुलिस मामले में कितनी निष्पक्षता दिखाती है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।