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Budget 2025: सेना के साहस को मिलेगा अब और बल, बजट में सरकार ने खोल दिया खजाना

देश का बजट 2025-26 आज पेश हो गया है। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विशेष व्यवस्था की है।

Budget 2025: सेना के साहस को मिलेगा अब और बल, बजट में सरकार ने खोल दिया खजाना

देश इस वक्त चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। सेना के आधुनिकीकरण पर इस वक्त विशेष फोकस है। इन सब के बीच आज बजट में चालू वित्त वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 2025-26 के लिए रक्षा क्षेत्र के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इसके अलावा कुल आवंटन में से 1,80,000 करोड़ रुपये सशस्त्र बलों को पूंजीगत व्यय के लिए रखे गए हैंजिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदना शामिल है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 6.81 लाख करोड़ रुपये का कुल रक्षा बजट चालू वित्त वर्ष के लिए किए गए परिव्यय से 9.53 प्रतिशत अधिक है। 

सेना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा

पूंजीगत परिव्यय पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 1,48,722.80 करोड़ रुपये नए सैन्य हार्डवेयर की खरीद के लिए "आधुनिकीकरण बजट" पर खर्च करने की योजना है और शेष 31,277 करोड़ रुपये अनुसंधान और विकास पर खर्च करने और बुनियादी ढांचागत संपत्ति बनाने के लिए है।इसमें कहा गया है कि 1,11,544 करोड़ रुपये यानी आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत घरेलू स्रोतों के माध्यम से खरीद के लिए निर्धारित किया गया है। घरेलू निजी उद्योगों के माध्यम से खरीद के लिए घरेलू हिस्सेदारी का पच्चीस प्रतिशत यानी 27,886 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

अगले वित्त वर्ष में सशस्त्र बलों के लिए पूंजी परिव्यय 2024-25 के बजटीय अनुमान 1.72 लाख करोड़ रुपये से 4.65 प्रतिशत अधिक है। 2024-25 के लिए संशोधित पूंजी परिव्यय 1,59,500 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है। कुल पूंजी परिव्यय 1,92,387 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें से 12,387 रुपये की राशि रक्षा सेवाओं के लिए रखी गई है। अगले वित्त वर्ष के लिए राजस्व व्यय जो दिन-प्रतिदिन की परिचालन लागत और वेतन के लिए जिम्मेदार है उसे 4,88,822 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। 

रक्षा मंत्री ने किया स्वागत

2025-26 में रक्षा बजट के लिए आवंटन अनुमानित GDP का 1.91 प्रतिशत होने का अनुमान है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट के लिए समग्र आवंटन का स्वागत करते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को बड़ा बढ़ावा मिला है।उन्होंने कहा, रक्षा बलों के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय से हमारे रक्षा बलों के आधुनिकीकरण, तकनीकी उन्नति और क्षमताओं में और मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह बजट सुरक्षा को और मजबूत करेगा और देश की समृद्धि सुनिश्चित करेगा और विकसित भारत (विकसित भारत) के दृष्टिकोण को साकार करने में एक "बड़ी छलांग" लगाएगा।

 पूंजीगत व्यय के तहत विमान और एयरो इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है।
नौसेना डॉकयार्ड परियोजनाओं के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया गया है। सीमा के बुनियादी ढांचे में सुधार और कठिन इलाकों के माध्यम से सशस्त्र बलों के जवानों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को पूंजीगत मद के तहत 7,146 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।  

सीमावर्ती क्षेत्रों का होगा विकास

बता दें कि यह आवंटन 2024-25 के बजट अनुमान से 9.74 प्रतिशत अधिक है।बीआरओ के लिए किया गया वित्तीय प्रावधान न केवल अरुणाचल प्रदेश में एलजीजी-दमतेंग-यांग्त्से, जम्मू-कश्मीर में आशा-चीमा-अनीता और बिरधवाल-पुग्गल जैसी सुरंगों, पुलों और सड़कों का निर्माण करके सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र के रणनीतिक हितों को बढ़ावा देगा। राजस्थान में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।