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गर्मी बढ़ी और सबलपुरा प्यासा रह गया, सीकर के इस गांव में बूंद-बूंद को तरसते लोग, पानी के लिए शुरू हुआ संघर्ष

Sikar Water Crisis: सीकर जिले के सबलपुरा गांव में गर्मी शुरू होते ही पानी का संकट गहराया, 800 घरों में नहीं पहुंच रहा पानी। जानिए क्यों सरकार और सिस्टम मौन हैं।

गर्मी बढ़ी और सबलपुरा प्यासा रह गया, सीकर के इस गांव में बूंद-बूंद को तरसते लोग, पानी के लिए शुरू हुआ संघर्ष
गर्मी बढ़ी और सबलपुरा प्यासा रह गया

राजस्थान के सीकर जिले में गर्मी की शुरुआत के साथ ही पानी का संकट सिर उठाने लगा है। सबसे ज्यादा प्रभावित है सबलपुरा गांव, जहां हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि लोग अब हर दिन पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। करीब 800 घरों में पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप है और लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं।

गांव में बनी सरकारी पानी की टंकी पिछले कई दिनों से एक बूंद पानी भी नहीं दे रही है। गर्मी बढ़ने के साथ यह संकट और विकराल होता जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कलेक्टर ऑफिस से लेकर जलदाय विभाग तक हर जगह गुहार लगाई, लेकिन उनकी आवाज़ अब तक अनसुनी रही।

आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किए। “हमने 181 हेल्पलाइन पर शिकायत की, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिले, लेकिन नतीजा शून्य रहा,” एक ग्रामीण ने गुस्से में कहा। कुछ लोग तो अब मजबूरी में प्राइवेट टैंकरों से महंगे दामों पर पानी खरीदने को मजबूर हो गए हैं।

गांव के उप-सरपंच गजेंद्र सिंह ने बताया कि सबलपुरा पहले ग्राम पंचायत का हिस्सा था, लेकिन परिसीमन के बाद अब यह नगर पालिका क्षेत्र में आ चुका है। “करीब 30 साल पहले विधायक कोटे से बने ट्यूबवेल की हालत अब खस्ता हो चुकी है। मोटर बार-बार खराब हो रही है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा,” उन्होंने कहा।

गांव की महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी सुबह से लाइन में खड़े रहते हैं, इंतजार करते हैं कि कोई टैंकर आए या कहीं से कुछ पानी मिल जाए। “पानी अब हमारे लिए ज़रूरत नहीं, संघर्ष बन चुका है,” एक बुजुर्ग महिला की आंखों में नमी के साथ ये शब्द बाहर निकले।

सबलपुरा की यह स्थिति न सिर्फ एक गांव की कहानी है, बल्कि यह पूरे राजस्थान में बढ़ते जल संकट की एक गंभीर तस्वीर है। सवाल यही है गर्मी हर साल आती है, लेकिन समाधान कब आएगा?