सीएम को धमकी देने वाली जेल में अब भी मोबाइल कैसे? श्यालावास जेल फिर चर्चा में
श्यालावास हाई सिक्योरिटी जेल में फिर मिले मोबाइल, सीएम और डिप्टी सीएम को धमकी के बाद जेल की सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल।

राजस्थान की दौसा जिले में स्थित श्यालावास हाई सिक्योरिटी जेल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शुक्रवार को जेल प्रशासन की तलाशी के दौरान यहां से दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद किए गए। ये वही जेल है, जहां से कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को धमकी भरे कॉल किए गए थे।
जेल के भीतर मोबाइल मिलना अब कोई नई बात नहीं रही। लेकिन इस बार मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि यह उस जेल से हुआ है जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता है। पहले भी इस जेल से एक सरकारी नर्सिंग ऑफिसर को सिम कार्ड ले जाते पकड़ा गया था। इसके अलावा पिछले महीनों में यहां से दर्जनों मोबाइल बरामद हो चुके हैं।
शुक्रवार को जब तलाशी अभियान चला, तब भी उम्मीद थी कि कुछ न कुछ तो जरूर मिलेगा। लेकिन जब दो मोबाइल फोन हाथ लगे, तो जेल प्रशासन के माथे पर फिर से पसीना छलक आया। पापड़दा थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
लालसोट एएसपी दिनेश अग्रवाल ने बताया कि यह गंभीर मामला है और पुलिस हर ऐंगल से इसकी जांच कर रही है। सवाल अब सिर्फ इतना नहीं है कि मोबाइल कैसे अंदर पहुंचे, बल्कि यह भी है कि क्या जेल प्रशासन की मिलीभगत इसमें शामिल है?
कुछ दिन पहले ही जेल एडीजी रूपिंदर सिंह ने श्यालावास का निरीक्षण किया था। उनके निरीक्षण और सघन तलाशी अभियान के बावजूद जेल में फिर से मोबाइल मिलना बताता है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं बड़ी चूक है।
हाल ही में जेल विभाग ने मोबाइल पकड़े जाने पर कर्मचारियों को इनाम देने की घोषणा की थी। डीजी जेल गोविंद गुप्ता ने कहा था कि तकनीकी निगरानी को बढ़ाया जाएगा, लेकिन अब तक इसका असर जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा।
श्यालावास जेल में जो हो रहा है, वह सिर्फ एक जेल की लापरवाही नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा तमाचा है। यह व्यवस्था तब तक सुरक्षित नहीं कही जा सकती, जब तक इन सवालों के जवाब न मिल जाएं।