शशि थरूर ने JLF में कहा 'जबरन लगवाना श्री राम का नारा नहीं हिंदुत्व', महाकुंभ पर भी की बात, बोले शिव, ईसा, अल्लाह सब एक!
शशि थरूर ने कहा कि वो राम मंदिर जाएंगे, लेकिन ये वो तय करेंगे, कोई राजनैतिक दल नहीं। हिंदू धर्म में ईश्वर निर्गुण और निराकार है, जैसा कि मुस्लिम धर्म में होता है। जो 'जय श्री राम' बोले, वही हिंदू है, जो नहीं बोले उसे पीट दो, यह हिंदू धर्म नहीं है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ( JLF) हमेशा की तरह ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रविवार को फेस्टिवल में कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर पहुंचे। उन्होंने फेस्टिवल के 'पुरुषार्थ: द फोर वे पार्ट' सत्र के दौरान अपनी बात सामने रखी। इस दौरान उन्होंने धर्म, कुंभ और राम पर विस्तार से बात की।
'जय श्री राम' बोले वो हिंदू, जो नहीं बोले उसे पीटो, ये हिंदू धर्म नहीं'
शशि थरूर ने हिंदू धर्म पर विस्तार में बात की। उन्होंने कहा कि वो राम मंदिर जाएंगे, लेकिन ये वो तय करेंगे, कोई राजनैतिक दल नहीं। शशि थरूर ने कहा "हिंदू धर्म में ईश्वर निर्गुण और निराकार है, जैसा कि मुस्लिम धर्म में होता है। जो 'जय श्री राम' बोले, वही हिंदू है, जो नहीं बोले उसे पीट दो, यह हिंदू धर्म नहीं है"।
शशि थरूर ने आगे कहा कि समय के साथ लोगों को पूजा के लिए एक रूप की आवश्यकता महसूस हुई, इसलिए सगुण ईश्वर की अवधारणा विकसित हुई। अब हमें एक बड़े से आदमी जिसका चेहरा हाथी का है और वह चूहों पर बैठा है, उसमें भी भगवान दिखाई देते हैं। थरूर ने कहा कि हिंदू धर्म में विविधता है और यह किसी एक रूप या तरीके को थोपता नहीं है।
'शिव, ईसा, अल्लाह, सब एक'
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए कहा कि जिसे कोई शिव कहता है, कोई अल्लाह कहता है, तो कोई ईसा कहता है। वो सब एक ही हैं। हिंदू धर्म में किसी एक मार्ग को सर्वोत्तम बताने की कोई जगह नहीं है, जैसा कि शंकराचार्य ने भी बताया है। गीता में भी कर्म को प्रधान बताया गया है, यानी कर्म करो, फल की इच्छा न करो। महात्मा गांधी भी इसे मानते थे और मैं भी। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सभी को अपनाने वाला धर्म है, लेकिन देश में इन दिनों रोहिंग्या मसला भी चर्चा में है।
कुंभ को लेकर बोले थरूर पाप करते ही क्यों हो यार?
शशि थरूर ने कुंभ मेले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ये हिंदू धर्म की विविधता और जीवंतता को दर्शाता है। साधु-संतों को सोशल मीडिया पर देखना और उन्हें मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए देखना भारत की बदलती तस्वीर को दिखाता है। यही भारत है। आगे उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में जाने का विचार किया था, लेकिन भगदड़ जैसी घटनाओं के बाद उन्होंने इसे टाल दिया।
मैं सनातनी हूं और इसके लिए मुझे किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। धार्मिक स्थलों पर मेरा जाना सिर्फ मेरे मन की इच्छा पर निर्भर करता है, न कि किसी राजनीतिक फायदे पर। फिर महाकुंभ में स्नान करने से पाप मिटने के सवाल पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि पाप करते ही क्यों हो यार?